गणराज्य की एकता व अखंडता के लिए वैशाली की गरीब कन्या आम्रपाली को नगरवधू घोषित किया गया
आम्रपाली तत्कालीन राजाओं को उधार राशि दिया करती रही
APNI BAT
मृगनयनी, अतिआकर्षक मादक कायायुक्त वज्जीकांचल में वैशाली की युवती, जो उसे देखता, उसे देखता रह जाता…। उसका सौंदर्य, मदमाती काया अति आकर्षकता उसके लिए अभिशाप बना। वह भी अन्य सामान्य युवतियों की भांति सुखी सम्पन्न, जीवन व्यतीत करती रहना चाहती थी किंतु ईश्वर की इच्छा ही कुछ और रही। वह अपना दर्द कभी बयां नहीं कर पाई, अंततोगत्वा वही हुआ जो उसकी नियति ने उससे करवाया।इतिहास की सबसे सुंदरतम स्त्री के रूप में उसे याद किया जाता है। उस अतिसुंदर युवती को इतिहास में आम्रपाली कहा गया। वैशाली गणराज्य में आम्रपाली को उसकी सुंदरता ओर बुद्धिमत्ता के लिए जाना जाता है।
आमजन कहते हैं आम्रपाली अतिसुंदर व आकर्षक महिला रही, उसे एक बार देखने वाला किसी अन्य स्त्री की ओर दृष्टि डालना भी नहीं चाहता। आम्रपाली की अतिआकर्षकता, उसके लिए अभिशाप बन गया। प्रत्येक (कन्या) युवती की इच्छा होती है कि वह वधू बने, किंतु सुंदरता ने आम्रपाली को नगरवधू बना दिया। आम्रपाली ने नगरवधू का जीवन स्वयं नहीं चुना, बल्कि उस काल समाज की सामाजिक व्यवस्था और तत्कालीन पुरुष प्रधान नीति-निर्माताओं ने आम्रपाली को नगरवधू बना दिया। सामाजिक राजनीतिक नीतिकारों ने आम्रपाली को किसी एक की वधू नहीं बनाकर नगर को सौंप दिया। कारण बताया कि आम्रपाली के नागरवधू बनने से गणराज्य की अखंड़ता बनी रहेगी। आम्रपाली के मूक माता-पिता का तो पता नहीं, लेकिन जिन लोगों ने उसका पालन पोषण किया। उनलोगों ने उसे एक आम के पेड़ के नीचे पाया, जिसके उस कन्या का नाम आम्रपाली रखा गया। आम्रपाली जैसे-जैसे बड़ी हुई उसका रुप, सौंदर्य, लावण्यता चरम उत्कर्ष पर पहुंचता गया। इसी कारण वैशाली का प्रत्येक पुरुष उसे अपनी बहू बनाने के लिए उदत्त रहने लगे। उसके माता-पिता के सामने दर्जनों लोग प्रतिदिन वैवाहिक प्रस्ताव लेकर आते लेकिन सभी रिश्तों को केवल इसीलिए ठुकराते रहे कि किसी एक से पुत्री का विवाह कर देने पर अन्य सभी लोग दुश्मन बन जाते। उसके पालनहार माता-पिता इसी कारण विवाह नहीं करते कि नगर में युद्ध की स्थिति उत्पन्न नहीं हो। आम्रपाली की सुंदरता से जुड़ी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए एक दिन वैशाली गणतंत्र की सभा बुलाई गई। उस सभा में शामिल सभी पुरुष आम्रपाली से विवाह करना चाहा। जिसके कारण कोई निर्णय लिया जाना कठिन हो गया। इस समस्या के समाधान के लिए अलग-अलग विचार प्रस्ताव रखे गए। परन्तु कोई इस समस्या को सुलझा नहीं पाया, लेकिन अंत में जो निर्णय लिया गया, उससे आम्रपाली का तत्कालीन जीवन व्यतीत हो गया, लेकिन आम्रपाली वैशाली के इतिहास में अमर हो गई। वह निर्णय आवाक कर देने वाला रहा, सर्वसम्मति से आम्रपाली को नगरवधू अर्थात् वेश्या घोषित कर दिया गया। ऐसा इसीलिए कि सभी जन वैशाली के गणतंत्र को सुरक्षित रखना चाहा, यदि आम्रपाली को किसी एक को सौंप दिया जाता तो गणतंत्र एकता खंडित हो जाती। इस प्रकार पुरुष प्रधान समाज में अति सुन्दर युवती आम्रपाली को भोग्या बना, नगर वधू बना दिया। नगर वधू बनने के बाद सभी युवा उसे पाने के लिए स्वतंत्र रहे। इस प्रकार गणतंत्र के एक निर्णय ने उसे भोग्या बनाकर रख दिया। वैशाली गणतांत्रिक नगर के निर्णय ने आम्रपाली को ‘वैशाली’ की नगरवधू बना दिया। आम्रपाली के रुप सौंदर्य समक्ष बड़े-बड़े राजा-महराजा सिर झुकाते और उसकी एक झलक पाने के लिए तरसते रहे। ऐसा भी कहा जाता है कि आम्रपाली एक आलीशान महल में सभी सुख-सुविधायुक्त जीवन व्यतीत करती रही। इतिहास के जानकारोंं का मानना है कि आम्रपाली के पास इतनी संपदा हो गई कि वह वैशाली गणराज्य क्षेत्र के राजा और पास पड़ोस के राजाओं को राशि (रुपए) उधार दिया करती रही।