सरकारी अस्पताल में टीबी की निःशुल्क जाँच व चिकित्सा व्यवस्था
बेतिया। पश्चिम चम्पारण जिला के नरकटियागंज प्रखण्ड अंतर्गत बनवरिया एवं अजुआ में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर स्वास्थ्य विभाग एवं केएचपीटी संस्था के सहयोग से लोगों को टीबी के लक्षण एवं उससे बचाव की जानकारी दी गई।सीएचओ सोनम सिंह के हवाले से बताया गया है कि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी, बलगम के साथ खून, शाम को लगातार बुखार, वजन कम होने, भूख कम लगने की समस्या से पीड़ित है तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सकीय परामर्श लें । टीबी की जांच अवश्य करवायें। सभी सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच एवं चिकित्सा निःशुल्क है। टीबी मरीजों को सरकार 500 रुपए की राशि पोषण के लिए दी जाती है।
श्लोगन के द्वारा ग्रामवासियों को किया जागरूक
केएचपीटी की जिला प्रतिनिधि मेनका सिंह के अनुसार सामुदायिक जागरूकता से टीबी बीमारी से समाज को मुक्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि टीबी हारेगा, देश जीतेगा के श्लोगन के द्वारा ग्रामवासियों को जागरूक किया जा रहा है। प्रखंड समन्वयक अन्नू कुमारी ने बताया कि नियमित दवाओं के साथ संतुलित पोषण लेने से टीबी रोगियों को टीबी से मुक्ति मिल जाती है। इसके लिए टीबी रोगी को समय पर पौष्टिक आहार लेने की आवश्यकता होती है। शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रोटीन, विटामिन, खनिज व अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसके लिए दूध, फल, हरी साग-सब्जियाँ, मांस, अंडे, पनीर का सेवन लाभप्रद है। इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति विकसित होती है। टीबी से बचाव के लिए सावधानी जरूरी: सीएस डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि लक्षण होने पर बलगम की जांच कराएं। एक्स-रे कराएं। चिकित्सक द्वारा पुष्टि करने पर सावधानी बरतें। घरों में साफ-सफाई रखें। बीमार व्यक्ति मुंह पर रुमाल लगाकर चलें। जिला के टीबी अस्पताल, प्रखंड स्वस्थ्य केन्द्रों पर टीबी की निःशुल्क जाँच व मरीजों का इलाज होता है। वहां से नि:शुल्क दवाएं ले सकते हैं, बीच में दवा न छोड़ें। इलाज के दौरान खूब पौष्टिक खाना खाएं, एक्सरसाइज करें, योग करें। इस अवसर पर सीएचओ सोनम सिंह, एसटीएस रजनीश कुमार दुबे, सामुदायिक समन्वयक अन्नु कुमारी सहित आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदी एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।