
बेतिया : भारत की राजधानी दिल्ली में पत्रकारों के घर छापामारी और उन्हें हिरासत में लेने पर भाकपा माले नेता सुनील कुमार राव ने बयान जारी कर कहा कि मोदी सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता पर हमला करना जारी रखा है। जिन पत्रकारों के घरों पर दिल्ली पुलिस द्वारा छापा मारा गया है, वे दशकों से निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं और हमेशा से ही सत्ता को आईना दिखाने का काम करते रहे हैं। ऐसे पत्रकारों पर छापामारी करके केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस न केवल इन पत्रकारों को जनसरोकारों के पक्ष में खड़े रहने के लिए धमकाने की कोशिश कर रही है, बल्कि वह, उनसे इतर जो पत्रकार जनसरोकारों से जुड़े हैं। उन्हें भयाक्रांत करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि केंद्र की मोदी सरकार देश में केवल अपना गुणगान करने वाला चारण मीडिया चाहती है। जिसे लोकप्रिय तौर पर गोदी मीडिया कहा जा रहा है। माले नेता ने कहा केंद्र की मोदी सरकार बीते दिनों के घटनाक्रम से भयभीत है। उसी भय में बदले की कार्रवाई के तौर पर उन पत्रकारों को निशाना बनाया है। विपक्षी पार्टियों के इंडिया गठबंधन के रूप में संगठित होने, उसके बाद पुरानी पेंशन स्कीम के पक्ष में कर्मचारियों का दिल्ली में भारी संख्या में जुटना और बिहार में जातीय जनगणना के परिणामों की घोषणा, वो कारक हैं, जिसके कारण केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह हताश और बदहवास हो गयी है। पत्रकारों, एक्टिविस्टों और स्टैंडअप कॉमेडियनों पर छापामारी, केंद्र सरकार की हताशा और बदहवासी का परिचायक है। पहले से विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में 161 वें स्थान पर है। केंद्र सरकार की इस कार्रवाई के बाद दुनिया भर में प्रेस स्वतंत्रता के मामले में देश की साख और रसातल को जाएगी। माले नेता ने तत्काल मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला की इस कार्रवाई रोके जाने की मांग किया हैं। धरातल की हलचल के संदेशों को सामने लाने वाले संदेशवाहक मीडिया का शिकार करने के बजाय, मोदी सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। इस देश में विगत साढ़े नौ वर्ष से तबाही के लिए सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए।
Post Views: 141