बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन संयुक्त संघर्ष समिति 29 सितम्बर 2023 से अनियतकालीन हड़ताल
बेतिया : बिहार सरकार की वादा खिलाफी के विरुद्ध बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन संयुक्त संघर्ष समिति 29 सितम्बर 2023 से अनियतकालीन हड़ताल पर हैं। आंदोलनकारी आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन बेतिया की कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को बेतिया में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान 06,000 में दम नहीं 25,000 से काम नहीं का नारा लगाया गया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बिहार में आंगनवाड़ी कर्मियों को ग्रेच्युटी देना सुनिश्चित करने की मांग किया। किया जाए। उपर्युक्त कार्यक्रम में सुषमा पांडे उपाध्यक्ष ने विचार व्यक्त किया। यूनियन की कार्यकर्ताओं ने आईसीडीएस सदर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन भी किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए कर्मश: ग्रेड सी, ग्रेड डी में समायोजित करे, जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो जाता है, तब तक सेविकाओं को 25000 एवं सहायिकाओं 18000 प्रतिमाह वेतन दिया जाए। रीना सिंन्हा अध्यक्ष ने कहा कि योग्य सहायिका एवं सेविका में बहाली के लिए अतिरिक्त 10 बोनस अंक देने के प्रावधान को लागू किया जाए। सेविका से पर्यवेक्षिका तथा सेविका /सहायिका रिक्त सेविकाओं सहायिकाओं के रिक्त पदों पर अविलम्ब बहाली सुनिश्चित की जाए, 16 मई 17 से 20 जुलाई 22 तक के समझौते के आलोक में लम्बित मांगों को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि हड़ताल एवं धरना संगठन के बिहार पटना निर्देश के आलोक में किया जा रहा हैं। उन्होंने ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार ने घोषणा पत्र में सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की मानदेय को दोगुना करने का वादा किया गया। अधिकांश चुनावी सभा में भी इस आशय का आश्वासन दिया गया। मानदेय दुगना करने के बात तो छोड़ दिया जाए, अभी प्रतिनिधिमंडल से मिलने तक का कष्ट नहीं किया गया। वर्तमान वर्ष में जनवरी माह से मार्च माह के बीच लगातार 3 महीने तक संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में आओ चरण वध आंदोलन के दरमियान निदेशक आईसीडीएस के प्रधान सचिव समाज कल्याण विभाग द्वारा दिए गए शासन पर भरोसा करते हुए संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा चरणबद्ध आंदोलन के अंतिम चरण राज्यव्यापी आंदोलन विद्या प्रदर्शन स्थगित किया गया था, लेकिन 3 महीने के बाद 26 जुलाई 2023 को जब संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल निदेशक से मिल कर बिहार सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करने की मांग की गई तो, मानदेय राशि बढ़ाया जाना तो दूर अन्य आठ मांगों पर सहमति बनी थी कि घिसी पीटी बात कह कर टाल दिया गया, ऐसी स्थिति में संयुक्त संघ समिति विवस होकर हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर शाहिना परवीन, खुशबू कुमारी, हेमलता देवी, शोभा देवी, यास्मीन आरसी ,सुनीता वर्मा, मधुबाला देवी, मीना देवी, नाहिद परवीन, लक्ष्मी देवी, एकता कुमारी, शशिवाला देवी, रीता देवी, रागिनी कुमारी, कृष्णावती देवी, हाजरा खातून, जोहरा खातून, सुमन कुमारी, कांति देवी, मीना देवी, राजमती देवी ,संतरा खातून ,सीता देवी ,संध्या देवी, नूरिन खातून, कमलेश कुमारी,रीमा कुमारी मोनी कुमारी उपस्थित रहीं हैं।
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