विश्व हिंदू परिषद के अलावा आदिवासी समुदाय, के कुछ लोग भी स्मृतिनगर पुलिस चौकी के बाहर पर बैठे हुए हैं। करीब 3 दिनों से भूख हड़ताल भी किया जा रहा है।बृहस्पतिवार को भी भूख हड़ताल का कार्यक्रम जारी रहा। अध्यक्ष राजीव चौबे ने कहा कि बीते कुछ सालों से शहर में देर तक खुली दुकानों, जगह-जगह युवाओं के झुण्ड और खुले आम नशाखोरी से जनता बुरी तरह त्रस्त है। खुर्सीपार में तो मृतक के परिवार को किसी प्रकार की क्षति की पूर्ति मुआवजे और संविदा नौकरी की घोषणा मुख्यमंत्री ने कर दी, लेकिन कोहका में आदिवासी समुदाय के स्वर्गवासी के परिजननो को शासन द्वारा कोई स्मरण नहीं ली गई है।
मृतक स्वर्गवासी के घर में उनकी विधवा पत्नी के अलावा 5 छोटे बच्चे भी हैं। घर में इकलौता कमाने वाले सदस्य की मृत्यु के हो गया घर में कमाने वाला कोई सदस्य नहीं है।मृत चंद्रशेखर ठाकुर के परिजनों को लगभग 50 लाख रुपए का मुआवज़ा देने मांग की गई है।