डीपीओ की कार्रवाई से उग्र विद्यार्थियों ने किया तोड़फोड़ और आगजनी
बेतिया: पश्चिम चम्पारण जिला के बैरिया प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत पखनाहा में मंगलवार को हुई घटना शिक्षा विभाग के लिए एक सबक से कम नहीं है। पखनाहा राजकीय मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक का स्थानांतरण और योगदान मामला में हवा देने वाला व्यक्ति कौन है, जिसने किशोर वय के विद्यार्थियों को भड़काया, यह यक्ष प्रश्न के साथ जांच का मामला है। आखिर किसकी शह पर विद्यार्थियों ने गाडी जला दिया। विद्यार्थियों ने सड़क जाम कर गाड़ी की तोड़ फोड़ के साथ बाइक को आग लगाने की घटना को अंजाम दिया। उपर्युक्त घटना निंदनीय है अलबत्ता हंगामा की सूचना पर पहुंचे डीपीओ ने छात्रों की पिटाई किया यह अतिगंभीर मामला है। घायल विद्यार्थियों के उग्र आंदोलन को घंटों मशक्कत के बाद पुलिस और प्रशासन के पदाधिकारियों ने शांत करा लिया। छात्र छात्राओं का आरोप है कि पूर्व प्रधानाध्यापक के समय स्कूल की हालात दयनीय हो गई, जिसे वर्तमान प्रधानाध्यापक के अथक प्रयास से विद्यालय को विद्या का मंदिर बना शिक्षण वातावरण बनाया। शिक्षा के अनुकूल विद्यालय बन जाने से विद्यार्थी व अभिभावक में विद्यालय के प्रति सद्भाव बना अलबत्ता पुनः पूर्व प्रधानाध्यापक को राजकीय रेल मध्य विद्यालय पखनाहा का प्रधानाध्यापक नियुक्त करना शिक्षा विभाग में व्याप्त अनियमितता और पदाधिकारियों की स्वेच्छारिता परिलक्षित करता है। ख़बर है कि विद्यार्थियों के उग्र आंदोलन के दृष्टिगत शिक्षा विभाग ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक का स्थानांतरण तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने का निर्णय लिया है। बताया गया है कि शिक्षा विभाग की करगुजारी से विद्यार्थियों ने उग्र प्रर्दशन, सड़क जाम, गाड़ी तोड़ फोड़, आगजनी तक किया। विद्यार्थियों के उग्र आंदोलन की ख़बर पर पहुंचे डीपीओ कुणाल गौरव की प्रतिक्रिया ने आंदोलन रुपी आग में घी का काम किया। डीपीओ कुणाल गौरव ने विद्यार्थियों को समझाने के क्रम में बल प्रयोग किया। विद्यार्थियों का कहना है कि माइक के राॅड से विद्यार्थियों को बुरी तरह पीट दिया। उनकी कार्रवाई का लब्बोलुआब यह कि मामला विद्यालय के भीतर ही दबा दिया जाए। परन्तु डीपीओ की पिटाई से दो छात्र बुरी तरह से घायल हो गए। तदुपरांत छात्रों के साथ ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ गया और देखते ही देखते विद्यालय के विद्यार्थियों का विरोध आंदोलन बन गया। पखनाहा बेतिया सड़क मार्ग जाम कर बाइक को आग के हवाले कर दिया गया। भीड़ और विद्यार्थियों ने वरीय पदाधिकारियों को बुलाने की मांग किया। घटना की सूचना के बाद बैरिया थानाध्यक्ष प्रणय कुमार, बैरिया बीडीओ करमजीत राम, सीओ हेमेंद्र कुमार पहुंच कर छात्रों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, उन्हें भी भारी आक्रोश का सामना करना पड़ा। पुलिस ने डीपीओ को सुरक्षित विद्यालय से निकाल लिया। उल्लेखनीय है कि
डीपीओ की पिटाई से पांचवी की छात्रा रुबी खातुन व आठवां का छात्र सागर कुमार बुरी तरह से घायल, तो पांचवां का एक छात्र हसमुल्लाह के हाथ की हड्डी टूट गई। जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए बैरिया स्वास्थ्य केन्द्र भेजा गया। विद्यालयों में किसी शिक्षक को विद्यार्थियों को पीटना अपराध है तो डीपीओ की पिटाई किस श्रेणी में लेगा प्रशासन…? घटना के सम्बंध में छात्रों और अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक विनय कुमार के कार्यकाल में स्थिति दयनीय हो गई, भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा, पूरा विद्यालय सिस्टम विहीन हो गया। पठन पाठन नाम का कोई चीज नहीं रह गई विद्यालय में दो माह पूर्व उनका स्थानांतरण विभाग ने कर दिया। जिसके बाद प्रधानाध्यापक जीतेंद्र कुमार प्रधानाध्यापक बने, उन्होंने विद्यालय में शिक्षा का वातावरण तैयार किया। जीतेंद्र में विद्यालय की व्यवस्था, सिस्टम को अथक परिश्रम से सुधारा जिससे विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था ही बदल गई। जिसके कारण निजी विद्यालय के विद्यार्थी सरकारी विद्यालय में नामांकन करवाने लगे। इस अभूतपूर्व सुधार और बदलाव के बीच ही शिक्षा विभाग में व्याप्त कुरीति को प्रभावित कर पूर्व प्रधानाध्यापक विनय कुमार ने एक बार फिर से अपना स्थानांतरण उसी विद्यालय में करवाने में सफलता प्राप्त कर लिया। उसके बाद छात्रों में अच्छे शिक्षक के स्थानांतरण को लेकर अक्रोश उत्पन्न हुआ। दो माह पूर्व स्थानांतरण के बावजूद विनय कुमार प्रभार नहीं देना चाहते रहे, अंत में उन्होंने जीतेंद्र कुमार को प्रभार दिया। प्रबुद्धजनों का कहना है कि पूरे प्रकरण में जिला शिक्षा विभाग यक्ष प्रश्न के घेरे में है। क्या जिला शिक्षा पदाधिकारी जिला की शिक्षा व्यवस्था को रसातल में पहुंचाने में लगे हैं..?

Post Views: 174