चिंता करने से हमारी शक्ति और खर्च हो जाते है। और उस स्थिति में निर्णय भी ठीक नही हो पाते इस प्रकार जीवन कें समय को हमे व्यर्थ नही गंवाना है। समय के पुकार है। कि स्वयं को आध्यात्मिक रुप सें शक्तिशाली बनाना है। मनोबल बढ़ाना है। जीवन की ब्राह्ा सांसारिक परिस्थितियो को हमें आंतरिक स्थिति से ही प्रत्योत्यर देना है।
इसलिए अपने आत्मिक शक्तियों का विकास करना जरुरी है। हमें परमात्मा पिता का साथ लेना है। सर्वशक्तिमान परमपिता परमात्मा को जब हम अपना साथी और जीवन सारथी बना लेते है।