मानव का जीवन वैसा होता है। जैसे कि उसने अपने जीवन में ज्ञान सीखे होते है। तो उसे अपना वर्तमान का जीवन पसदं नही है। तो उसे कुछ नए सीखना होगा। आज के मानव अपने जीवन में तो बहुत परेशान रहेते है। परन्तू आध्यात्मिक ज्ञान सीखना नही चाहते है। यह जीवन हार जीत का नही है।
यह तो सिखने व जीतने का जीवन है। वही सीखता है। जो सीखने में कडी मेहनत करते है। पहले से गलत सीखे हुए को छोड़ने व भूलने में। जीवन तो मिठास जागने व भागने मे है। या टालने में नहीं।