1) पुत्र की परख विवाह के बाद 2) पुत्री की परख जवानी में 3) पति की परख पत्नी की बीमारी में 4) पत्नी की परख पति की गरीबी में 5) मित्र की परख मुसीबत में 6 ) भाई की परख लड़ाई में 7) बहन की परख जायदाद में 8) औलाद की परख बुढ़ापे में होती है। Post Views: 362 Spread the love Post navigation दिल्ली पब्लिक स्कूल दुर्ग का सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कार्निवाल 12 मार्च को मनाया गया पुरानी गंजमंडी में 50 लाख से बन रहा सी मार्ट वोरा ने किया निरीक्षण