अयोध्या। करीब 14 दिन पहले 30 रुपये में मिलने वाले रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म टिकट की कीमत अब 50 रुपये हो गई है। अक्तूबर माह में प्लेटफार्म टिकट में दूसरी बार वृद्धि की गई है। 12 अक्तूबर के पहले यह टिकट 10 रुपये का, 12 से 25 की रात तक 30 रुपये का व 26 अक्तूबर से इसकी कीमत 50 रुपये हो गई है। उत्तर रेलवे ने यह टिकट वृद्धि 6 नवंबर तक के लिए की है। रेल अधिकारियों का कहना है कि प्लेटफार्म पर अनावश्यक भीड़ न एकत्र हो, इसके लिए टिकट में वृद्धि की गई है। वहीं, लोगों ने इसका विरोध जताया है। उनका कहना है कि अपने रिश्तेदारों व मित्रों को ट्रेन तक पहुंचाने की कीमत उन्हें भारी पड़ेगी, यह रेलवे की ज्यादती है। अयोध्या स्टेशन अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि यह रेट उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल द्वारा तय किया गया है। यह नियम मंडल के लखनऊ-वाराणसी जंक्शन सहित 14 स्टेशनों पर 26 अक्तूबर से 6 नवंबर तक लागू रहेगा।
इसमें अयोध्या व अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन भी शामिल है। बताया कि त्योहारों विशेषकर छठ पूजा के दौरान रेलवे स्टेशनों पर होने वाली अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए ऐसा कदम उठाया गया है।
बताया कि नियमत: बिना प्लेटफॉर्म टिकट के पकड़े जाने पर न्यूनतम 250 रुपये जुर्माना देना होगा। इसके अलावा जिस प्लेटफॉर्म पर आप पकड़े जाएंगे, वहां से आखिरी में गुजरी ट्रेन की यात्रा का किराया भी जुर्माना के साथ जोड़ा जा सकता है।
वहीं, रेल यात्रियों, उन्हें ट्रेन पर बैठाने वाले, ट्रेन से आए सामान को लेने वाले व्यापारियों ने इस मूल्य वृद्धि पर नाराजगी जताई है। गुजरात में नौकरी करने वाले अयोध्या के वनवारी का पुरवा निवासी लालजी वर्मा ने बुधवार को कहा कि दीपावली की छुट्टियों के बाद उन्हें घर जाना है। आज टिकट कराने अयोध्या रेलवे स्टेशन गए थे। बताया कि हालांकि टिकट स्टेशन के बाहर मिलता है, लेकिन वह चाय पीने प्लेटफार्म नंबर एक पर जाना चाहते थे। प्लेटफार्म टिकट लेने गए तो पता चला टिकट 50 रुपये का है। सुनकर दंग रहे गए। शहर के गद्दौपुर निवासी आलोक सिंह ने बताया कि अयोध्या कैंट स्टेशन पर शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के बहुत से लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं। प्लेटफार्म टिकट में इतनी बढ़ोतरी उनके साथ ज्यादती होगी।
देवकाली निवासी आशीष पांडेय ने कहा कि अयोध्या में भव्य रेलवे स्टेशन का निर्माण यात्रियों की सुविधाओं के लिए ही हो रहा है। ऐसे प्लेटफार्म टिकट बढ़ाकर सरकार न जाने क्या चाहती है। धर्मनगरी अयोध्या में वर्ष में तीन प्रांतीयकृत मेले का आयोजन होता है। चौथे मेले का दर्जा दीपोत्सव समारोह को दिया गया है। अन्य तीन मेलों में चैत्र माह में रामनवमी, सावन में सावन झूला व कार्तिक माह में कार्तिक पूर्णिमा व परिक्रमा मेला शामिल है। प्रत्येक मेले में 10 से 15 लाख श्रद्धालु अयोध्या आते हैं। इनमें कार्तिक पूर्णिमा मेला पर प्रयागराज व अन्य स्थानों से विशेष रेल गाड़ियों का संचालन होता है। ट्रेन से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी लाखों में होती है। मेले के दौरान शहर में जगह न मिलने के कारण कुछ हजारों श्रद्धालु रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म व परिसर कोक अपना ठिकाना बनाते हैं। हालांकि इनमें से अधिकांश प्लेटफार्म टिकट नहीं लेते थे, लेकिन इस बार अगर सख्ती हुई तो संभव है कि श्रद्धालु स्टेशन पर अपना ठौर न बना सके