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भारतीय रक्षा उत्पादों के साथ-साथ स्टार्टअप और आधुनिक तकनीकों को शोकेस किया जाएगा। इस मौके पर आयोजित होने वाला ड्रोन शो साबरमती रिवरफ्रंट पर किया जाएगा।

गुजरात की राजधानी गांधीनगर में मंगलवार से डिफेंस एक्सपो का 12वां संस्करण शुरु हो गया है। एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। 22 अक्तूबर तक चलने वाली रक्षा प्रदर्शनी में सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम और उद्योग अपने रक्षा उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। इसकी थीम ‘पाथ टू प्राइड’ रखी गई है। वहीं, इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो 2022 के मौके पर रवांडा के रक्षा मंत्री मेजर जनरल अल्बर्ट मुरासिरा के साथ बातचीत की। डिफेंस एक्सपो-2022 में रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की शक्ति देखने को मिलेगी। साथ ही इंडियन पवेलियन में भारत के 2047 के विजन को प्रदर्शित किया जाएगा। भारतीय रक्षा उत्पादों के साथ-साथ स्टार्टअप और आधुनिक तकनीकों को शोकेस किया जाएगा। इस मौके पर आयोजित होने वाला ड्रोन शो साबरमती रिवरफ्रंट पर किया जाएगा। डिफेंस मैनुफैक्चरिंग हब के क्षेत्र में उभरते हुए भारत की ताकत इस प्रदर्शनी में देखने को मिलेगी। इंडियन कोस्ट गार्ड पोरबंदर पर शिप विजिट भी कर पाएंगे। डिफेंस एक्सपो का आयोजन दो साल बाद हो रहा है। 2020 में डिफेंस एक्सपो लखनऊ में आयोजित हुआ था। 

डेफएक्सपो के तहत सेना, नौसेना, वायु सेना, तटरक्षक बल, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे। यह आयोजन प्रतिदिन शाम 4.45 बजे से साबरमती रिवर फ्रंट पर होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस प्रदर्शन में कॉम्बैट फ्रीफॉल, सारंग हेलो एरोबेटिक्स, हेलो से बोट में फिसलना, हाई स्पीड बोट रन और दुश्मन की चौकियों का ध्वस्त करने जैसी गतिविधियां शामिल होंगी। 50 से अधिक स्टार्टअप अपने उत्पादों को इस पवेलियन में प्रदर्शित करेंगे। पहली बार, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पवेलियन भी देखने को मिलेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करेगी। उन्होंने कहा कि भारत रक्षा उत्पादों का एक बडा निर्यातक है। मौजूदा समय में वह रक्षा उत्पादों का निर्यात करने वाले दुनिया के 25 शीर्ष देशों में शामिल हो चुका है। आज से गुजरात में शुरू डिफेंस एक्सपो के 12वें संस्करण में भारतीय राइफल निर्माता वी रामकृष्ण ने कहा कि हमने ‘बॉर्न इन भारत’ मुहावरा गढ़ा है। एक-एक पार्ट बनाकर सब कुछ देसी है। उन्होंने कहा कि हम सभी बौद्धिक संपदा के मालिक हैं। जहां तक स्थानीय सामग्री का संबंध है, हम लागत के मामले में लगभग 85% अंक प्राप्त कर रहे हैं।   उन्होंने कहा कि भारतीय सेना स्पष्ट रूप से मेक इन इंडिया मॉडल की ओर बढ़ रही है, इसमें कोई संदेह नहीं है। हमारे कुछ उत्पादों ने सेना में अपनी जगह बनाई है। हम गृह मंत्रालय के साथ भी काम कर रहे हैं। 

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