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 सुरक्षा एजेंसियों ने इस कट्टरपंथी संगठन से जुड़े होने के आरोप में जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें प्रोफेसर, लाइब्रेरियन, क्लर्क जैसे पदों पर काम करने वाले सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगने से पहले सुरक्षा एजेंसियों ने इस कट्टरपंथी संगठन से जुड़े होने के आरोप में जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें प्रोफेसर, लाइब्रेरियन, क्लर्क जैसे पदों पर काम करने वाले सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। पीएफआई के अध्यक्ष ओएमए सलाम को भी गिरफ्तार किया गया था, जो कि केरल सरकार में एक कर्मचारी रह चुके हैं। उन्हें 2020 में निलंबित कर दिया गया था। इसके अलावा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईएम अब्दुर रहमान कोचीन विश्वविद्यालय एक रिटायर्ड लाइब्रेरियन हैं। राष्ट्रीय सचिव वी पी नज़रुद्दीन जमात-ए-इस्लामी-हिंद के मुखपत्र मध्यमम के पूर्व क्लर्क हैं। ऐसे ही राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के सदस्य पी कोया कतर में एक निजी कंपनी के पूर्व कर्मचारी हैं।  उन्होंने बाद में कोझीकोड के एक सरकारी कॉलेज में बतौर लेक्चरर काम किया।

कर्नाटक से गिरफ्तार किए गए दो पीएफआई सदस्य अब्दुल वाहित सैत (राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य) और अनीस अहमद (राष्ट्रीय महासचिव) तकनीकी विशेषज्ञ रह चुके हैं। पीएफआई के संस्थापक सदस्य सैत एक संपन्न मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते हैं और बेंगलुरु में रहते हैं। सैत टैली, ईआरपी और अन्य बिजनेस सॉफ्टवेयर के समाधानों के लिए काम करने वाली एक कंपनी चलाते हैं। अनीस अहमद ने छह महीने तक बेंगलुरू के एरिक्सन में वर्ल्ड टेक्निकल मैनेजर के रूप में काम किया था। वह सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर काफी सक्रिय हैं और केंद्र सरकार की नीतियों सहित वर्तमान मुद्दों पर टिप्पणी करते रहते हैं। ओएमए सलाम केरल राज्य बिजली बोर्ड के एक कर्मचारी हैं। 14 दिसंबर 2020 को पीएफआई के अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था। सलाम के खिलाफ मलप्पुरम में मामला दर्ज है। वह रिहैब इंडिया फाउंडेशन से भी जुड़े हैं। बुधवार को इसे भी प्रतिबंधित कर दिया गया। वह 2000 में एनडीएफ के राज्य सचिव थे और 2007 से पीएफआई से जुड़े

एर्नाकुलम के रहने वाले ईएम अब्दुर रहमान 70 के दशक में सिमी में शामिल हुए और बाद में इसके अखिल भारतीय अध्यक्ष बने। वह एनडीएफ और बाद में कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया और कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन जैसे पीएफआई के संगठनों के गठन के मास्टरमाइंड थे। रहिमन स्टूडेंट्स इस्लामिक ट्रस्ट, नई दिल्ली के डायरेक्ट बोर्ड के सदस्य हैं।  कालीकट ई अबूबकर 1982 से 1984 तक सिमी के केरल के अध्यक्ष थे। वह एसडीपीआई के संस्थापक अध्यक्ष और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संस्थापक सदस्य होने के अलावा एनडीएफ और रिहैब इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। वे थेजस दैनिक समाचार पत्र के प्रबंध संपादक होने के अलावा इंडिया नेक्स्ट हिंदी पत्रिका के संपादक भी रहे हैं।

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