Sun. Dec 22nd, 2024

छत्‍तीसगढ़ की जनता को बिजली विभाग ने महंगाई का करंट देते हुए 30 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी कर दी है। ऐसा विदेशी कोयले से बनी बिजली खरीदने की वजह से हुआ है। राज्य सरकार की कंपनी एनटीपीसी से बिजली खरीद रही है। इस बिजली के बदले में सरकार को इस वक्त 40 प्रतिशत अधिक भुगतान करना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के एमडी मनोज खरे ने बताया कि एक-दो महीने पहले तक एनटीपीसी से खरीदी गई बिजली का बिल प्रतिमाह 400 से 450 करोड़ रुपये आता था। इस महीने यह बिल 610 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसका मतलब हर महीने करीब 120 से 150 करोड़ रुपये अधिक देने पड़ रहे हैं। अगले महीने तक यह बढ़कर 638 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। इसके पीछे विदेश से आयतित कोयला बड़ी वजह है। इसके पहले छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने अप्रैल 2022 में बिजली दरों का नया टैरिफ जारी किया था। इसमें बिजली को 2.31 प्रतिशत महंगा किया गया था। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर 10 पैसा प्रति यूनिट व अन्य सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर 15 पैसा प्रति यूनिट की दर से बढ़ी।इसके पीछे वेरिेएबल कास्ट एडजस्टमेंट चार्ज है। इसमें बिजली कंपनी कोयले की कीमत में कमी अथवा वृद्धि होने की स्थिति में अपनी दरों को विनियमित करती है। जनवरी से मार्च तक एनटीपीसी के संयंत्रों से छत्तीसगढ़ में खरीदी जा रही बिजली में केवल उर्जा प्रभार की औसत दर 1.97 रुपये प्रति यूनिट थी। जून से अगस्त के बीच औसत 2.78 रुपये प्रति यूनिट हो गई है। इसमें 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। अधिकारियों ने बताया, प्रदेश की जरूरत का करीब 40 प्रतिशत बिजली एनटीपीसी से खरीदी जाती है। इसकी वजह से उपभोक्ताओं पर लगभग 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से वेरिेएबल कास्ट एडजस्टमेंट चार्ज लगाया जा रहा है।

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