ठाकुर साहब छतीसगढ़ मे सहकारी आंदोलन के पुरोधा के रुप मे जाने जाते है। उन्होने गरीबो के अधिकारो के लिए जीवनभर संधर्ष किया। वे छात्र जीवन से ही स्वाधीनता आंदोलनो से जुड़े है। उन्होने अत्याचार और अन्याय के विरोध मे अपनी आवज बुलंद की और जन असंतोष को संगठित दिशा प्रदान की। मिल मजदूरो को संगठित कर ठाकुर प्यारेलाल सिंह ने कुशल नेतृत्व प्रदान कियां छतीसगढ मे छात्रो को संगठित रुप से आंदोलनो से जोड़ने का श्रेय भी ठाकुर साहब को जाता है। उनके योगदान हमेशा याद किये जाएंगे।