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स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2023 को राष्ट्रीय पर्व नहीं मनाया गया

बेतिया : पश्चिम चम्पारण जिला के बैरिया थाना क्षेत्र के श्रीनगर पूजहां में अवस्थित बैजुआ बिन टोली प्राथमिक विद्यालय में 15 अगस्त 23 को राष्ट्रीय पर्व व अमृत महोत्सव का कोई जश्न नहीं मनाया गया। जहां सम्पूर्ण भारत आजादी का जश्न मनाता रहा, वही पश्चिम चम्पारण जिला के सरकारी शिक्षण संस्थान व प्राथमिक विद्यालय बैजूआ बिन टोली में विद्यालय के प्रधानाध्यापक व सभी शिक्षकों ने अनुपस्थित रहकर राष्ट्रीय पर्व पर झंडोतोलन तक नहीं किया। ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विद्यालय के प्रधानाध्यापक नंदकिशोर यादव उस दिन पूरे दिन खाट पर सोकर खर्राटे मारते रहे। विद्यालय के अन्य शिक्षक भी उन्हीं के राह पर अनुकरण करते हुए अपने घर आराम फरमाते समय बिताया, परंतु राष्ट्रीय पर्व पर झंडोतोलन तक उपर्युक्त विद्यालय में नहीं किया। इस बावत विद्यालय के प्रधानाध्यापक नंदकिशोर यादव के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया, परंतु उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया, जिससे उनका पक्ष नहीं जाना जा सका। प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी व कुणाल गौरव से इस बावत पूछने पर उन्होंने बताया कि मुझे इसकी जानकारी है कि विद्यालय में राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर झंडा तोलन व राष्ट्रीय पर्व नहीं मनाया गया। इससे क्या हो गया, सभी जगह तो मनाया ही जा रहा है। यह सब लिखना कोई आवश्यक नहीं है। उन्होंने अखबार में नहीं छापने का आग्रह भी किया। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रभारी बीईओ व प्रधानाध्यापक एक ही थैले के चट्टे बट्टे हैं। बताते चलें कि राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर सरकारी हो या गैर सरकारी सभी शिक्षण संस्थान व अन्य कार्यालयों समेत सभी जगह राष्ट्रीय ध्वजारोहण कर सलामी देते हुए, राष्ट्रगान कर देशवासियों को राष्ट्रीय पर्व पर बधाई दिया जाता है। उपर्युक्त अवसर पर इस तरह की मानसिकता रखने वाले शिक्षक व पदाधिकारी यदि इस तरह की गलतियां किया करते हैं, तो क्या यह साधारण सी चीज है। राष्ट्र ध्वज अधिनियम 2002 और राष्ट्र ध्वज अपमान निवारण अधिनियम 1971का खुला उल्लंघन है। यह राष्ट्रीय पर्व के साथ खिलवाड़ व अपमान नहीं कहा जाएगा तो क्या कहा जाएगा? उसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इतनी बड़ी भूल के बद भी प्रभारी शिक्षा पदाधिकारी श्री गौरव से पूछने पर वे प्रधानाध्यापक को शिक्षकों को संरक्षण देने में लगे हैं, जबकि उन पर कार्रवाई की बात होनी चाहिए। यह विडंबना नहीं है तो क्या है? वहां के ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि विद्यालय के बच्चे राष्ट्रीय पर्व पर विद्यालय में जाकर महोत्सव मना पाते हैं। राष्ट्रीय महापर्व पर सभी अपने घर रह गए और शिक्षक खाट लगाकर खर्राटे लेते रहे।

ग्रामीणों में वार्ड सदस्य मंटू यादव, विद्यालय की सचिव ममता देवी, बाढू मुखिया, जयप्रकाश ठाकुर, ललन चौधरी, गुड्डू कुमार, श्याम सुंदर सिंह व अन्य लोगों ने क्षोभ व्यक्त किया। प्रबुद्धजनों ने राष्ट्रीय पर्व के प्रति विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों में उदासी की जांच व ग्रामीणों के अनुसार पूरे दिन खटिया बिछा खर्राटे लेते रहे विद्यालय के प्रधानाध्यापक, मामला में विभागीय कार्रवाई की मांग किया है।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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