जब हम संगठन में रहते है। तो सबके साथ संस्कार मिला कर चलना एक बहुत बडी कला है। शक्ति है। संस्कार मिलानें के लिए हमे कदम कदम पर गुणो का प्रयोग करने पडते है। कुछ आत्माओं के साथ हमारें ही पूर्वजन्मो के हिसाब किताब होते है। पूर्वजन्म में अगर हमने किसी को दुःख दिया था तों वह भी अब हमको दुःख ही देगा। अब इस अवस्था में उस आत्मा सें सूक्ष्म रुप सें माफी मागते हुए सूक्ष्म स्नेह मिलन का अनुभाव करते हुए योग का प्रयोग करते रहे तो सफलता मिलती रहेगी।