केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि अनुसंधान परिसर परिसर, पटना का भ्रमण किया
अनुसंधान गतिविधियों की समीक्षा एवं वैज्ञानिकों से संवाद, किसानों का विकास ही संकल्प, क्योंकि स्वयं किसान हूँ: शिवराज सिंह चौहान
पटना : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर पटना पहुँचे। पूर्वी भारत में उन्नत कृषि कार्य के लिए संचालित अनुसंधान कार्यों और संस्थान की प्रगति की समीक्षा किया । उनके साथ बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा तथा भारत एवं बिहार सरकार के वरीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
केंद्रीय कृषि मंत्री का भ्रमण कार्यक्रम का श्रीगणेश परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम से हुआ। जिसमें केंद्रीय मंत्री, बिहार सरकार के मंत्री तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री ने अपन संबोधन में संस्थान के अनुसंधान पोर्टफोलियो एवं आधारभूत संरचना के विकास की समीक्षा की और लघु एवं सीमांत किसानों के सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे संस्थान व वैज्ञानिक प्रयासों की प्रशंसा किया। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से “विकसित भारत @2047” की राष्ट्रीय दृष्टि के अनुरूप अनुसंधान निष्कर्षों को समाहित करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रौद्योगिकियों की प्रभावी खेत स्तर पर अंगीकरण सुनिश्चित करने के लिए ट्रांसलेशनल रिसर्च की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने आईसीएआर और इसकी कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) की हाल ही में संपन्न “विकसित कृषि संकल्प अभियान ” के सफल कार्यान्वयन की प्रशंसा भी किया । मंत्री ने इसे एक ऐतिहासिक पहल बताया, जिसमें पहली बार केंद्र एवं राज्य के कृषि विभागों ने मिलकर वैज्ञानिक समाधान सीधे किसानों तक पहुँचाने के लिए नज़दीकी समन्वय स्थापित किया।इससे पूर्व, डॉ. अशुतोष उपाध्याय, कार्यकारी निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों एवं प्रगतिशील अनुसंधान कार्यों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा, “हमारा संस्थान जल उत्पादकता को बढ़ाने, जलवायु सहिष्णु कृषि को बढ़ावा देने, किसान-उन्मुख तकनीकी हस्तक्षेपों को बढ़ाने तथा लघु एवं सीमांत किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप समेकित भूमि एवं जल प्रबंधन पद्धतियों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”कार्यक्रम के दौरान, संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ एक वैज्ञानिक-संवाद बैठक आयोजित की गई, जिसमें अटारी, पटना के वैज्ञानिक भी बढ़-चढ़कर शामिल हुए। इस क्रम में प्राकृतिक खेती, संरक्षण कृषि, कृषि मौसम परामर्श, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, भविष्य की खेती की रणनीतियाँ तथा क्षेत्र विशेष की कृषि तकनीकों जैसे विभिन्न पहलुओं पर प्रमुख चर्चाएं हुईं। मंत्री ने संस्थान के प्रयासों की प्रशंसा किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से अपने शोध कों किसानों के खेतों तक पहुंचाने का आह्वान किया।कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक, भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रमुख, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग ने किया।