मुद्वते से पुरुष नारी को अपने अधीन करके रखता आया है। मैने अपने इस जीवनकाल मे कई पुरुषो को अपनी पत्नी को पीटते हुए देखा है। बचपन मे ही मै कई व्यक्तियो के बारे मे सुना करता था कि वे कैसे अपनी गृहिणी के साथ दुव्र्यवहार करते है। उन्हे डाँटते डपटते पीटते और घसीटते है। तब मै जानने की कोशिश करता था कि इसका कारण क्या है? पुरुष नारी का इतना तिरस्कार क्यो करता है? प्रायः लोग एक कारण यह बताया करते थे कि चूंकि पुरुष धन कमाता हैं और स्त्री अपने जीवन निर्वाह के लिए पुरुष की आय पर निर्भर करती है। इसलिए पुरुष में अभिमान भरा रहता है और यह अभिमान ही उसे दुव्र्यवहार तथा निर्दयता की ओर ले जाता है।
तो क्या गृहिणी कुछ भी धन नहीं कमाती? हम देखते हैं कि विवाहिता स्त्री दहेज के रुप में भी धन लाती है और जब तक उसके माता पिता या मायके के लोग जीवित रहते हैं वे भी हर त्योहारया रस्म के अवसर पर कुछ न कुछ उसे देते ही है। इसके अतरिक वह घर में खाना बनाती, कपडे धोती , बर्तन , तथा फर्श साफ करती है। बच्चो को सम्भालती घर की रखवाली करती है। देखा जाये तो यह पुरुष की आमदनी के लगभग तो होता ही होगा घर संभालने की नौकरी करने वाले व्याक्ति का आज के जमाने में पगार करीब 25 हजार हर महीने सक लेकर 30 हजार प्रति महीने तक भी होता है।