आज के डिजिटल युग में विशेष रुप से शिक्षा संचार और मनोंरजन के लिये तकनीक हमारी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। इंटरनेट स्मार्टफोन और सोसल मिडिया के चलते हमारी दिनचर्या में कई बदलाव आए है। हांलांकि इस तकनीकी विकास के साथ साथ हमे डिजिटल जागरुकता व वेलनेस की आवश्यकता भी महसूस हो रही है। डिजिटल वेलनेस का मतलब है तकनीक का संतुलित और समझदारी से उपयोग करना ताकि मानसिक शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सके।
डिजिटल डिटाँक्स स्वच्छता
हम सभी शारीरिक स्वच्छता के लिए खाने से पहले अपने हाथ धुलाई करते है। रोजाना सबेरे नाहते है। साफ कपडे पहनते है। वैसे डिजिटल युग में अगर हमे शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ रहना है तो डिजिटल स्वच्छता अपनाने की जरुरत है। मोबाइल के उपयोग के बाद हमे उसमे कैद नही होना है बल्कि उससे बाहर निकलना है। हमे अभिमन्यु नही बनना चाहिए जो चक्रन्युह के अंदर तो घुस गया पर निकल नही पाया बल्कि हमे अर्जुन की तरह बनना है जो घुसकर निकलना भी जानता है।