Wed. Mar 12th, 2025

 

सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के माध्यम से मीडिया वर्क शॉप की खानापूरी सम्पन्न, मीडिया प्रतिनिधियों को सूचना नहीं मिली 

जिला के 14 प्रखंड में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जाएगा, आशा कार्यकर्ता प्रत्येक घर जाकर अपने सामने खिलाएँगी अल्बेंडाजोल और डीईसी टैबलेट 

जिला में हाथीपाँव के 04 हजार 682 एवं हाइड्रोसील के 667 रोगी चिन्हित

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बेतिया : पश्चिम चम्पारण जिला में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत बेतिया राजड्योढ़ी (देवड़ी) परिसर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार की अध्यक्षता में किया गया। जिसकी सूचना तक सिविल सर्जन ने समाचार पत्र के मुख्य प्रतिनिधियों को नहीं दिया। उपर्युक्त कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने फाइलेरिया बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के माध्यम से प्रसारित होने वाला गंभीर रोग हैं। इस रोग के लक्षण सामान्यतः 5 वर्ष या अधिक समय के पश्चात दिखते हैं। उन्होंने बताया की हाथी पाँव का इलाज नहीं होता है। इसलिए बचाव ही इसका सबसे अच्छा उपाय है। उन्होंने बताया कि जिला के 32 लाख लोगों को इससे बचाव के लिए सर्वजन दवा खिलाई जाएगी। जिला के 14 प्रखंड में 10 फरवरी 2025 से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए राउंड) की शुरुआत की जाएगी। इसमें पहले 14 दिन घर-घर जाकर आशा व स्वास्थ्यकर्मी अपने सामने दवा का सेवन कराएंगे। उसके बाद 3 दिन स्कूल मे बूथ लगा कर दवा खिलाया जायगा। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्र ने कहा की फाइलेरिया से बचाव को लोगों को जागरूक करना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लोग दवा खाने में संकोच करते है, जबकि दवा खाने से परजीवी के मरने से हल्का साइड इफेक्ट हो सकता है। इससे घबराना नहीं चाहिए, उन्होंने लोगों से अपील किया कि फाइलेरिया रोधी दवा खुद खाये और अपने परिवारजनों को सेवन करने के लिए जागरूक करें।उन्होंने बताया की पार्टनर एजेंसी, जनप्रतिनिधि ग्रामीण क्षेत्रों, स्कूलों, कॉलेज में भी जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं।

डीबीवीडीसीओ डॉ नवल किशोर प्रसाद ने बताया कि नाईट ब्लड सर्वें के दौरान 92 नए फाइलेरिया के रोगी मिले है। हाथी पाँव के 04 हजार 682 एवं हाइड्रोसील के 667 रोगी है, हाथी पाँव के मरीजों को एमएमडीपी किट उपलब्ध कराया जाता है। हाईड्रोसील मरीजों का अनुमण्डलीय अस्पताल बगहा, नरकटियागंज एवं जीएमसीएच में ऑपरेशन कराया जाता है।

दवा का डोज

02 से 5 वर्ष के बच्चों को 1 टैबलेट अल्बेंडाजोल और 1 टैबलेट डीईसी, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को 1 टैबलेट अल्बेंडाजोल और 2 टैबलेट्स डीईसी और 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को 1 टैबलेट अल्बेंडाजोल और 3 टैबलेट डीईसी की दवा खिलाई जाएगी। यह कार्यक्रम 17 दिनों तक चलेगा। दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खानी है। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं, जो स्वतः समाप्त हो जाती हैं। दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन भी किया गया है।

इस अवसर पर सीएस डॉ विजय कुमार, एसीएमओ डॉ रमेश चंद्र, जिला सुचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी बेबी कुमारी, डीवीडीसीओ डॉ नवल किशोर प्रसाद, पिरामल के जिला प्रतिनिधि राजू सिंह, सिफार के सिद्धांत कुमार, बिनोद श्रीवास्तव, वीडीसीओ रमेश कुमार मिश्र, प्रशांत कुमार, सुशांत कु, वीबीडीएस सुजीत कुमार, प्रकाश कुमार, स्टीफन संतोष कुमार व अन्य लोग उपस्थित रहे।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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