हड़बड़ी में, बिना चर्चा या संसदीय परख के 146 विपक्षी सांसद निलंबन कर पारित, तीन फ़ौजदारी क़ानूनों को लागू करना बंद करे : भाकपा माले
बेतिया : औपनिवेशिक काल के कानूनों से अधिक दमनकारी नये अपराध कानूनों के कार्यान्वयन के विरुद्ध भाकपा माले नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राष्ट्र व्यापी कार्यक्रम अंतर्गत पश्चिम चम्पारण बेतिया जिला समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इस क्रम में आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुनील कुमार राव ने कहा कि देश में लागू किया जा रहा नया कानून राजद्रोह से भी खतरनाक है। इतना ही नहीं भूख हड़ताल को अपराध बना दिया गया है। यह सभी वैध असहमति और कानूनी उग्र लोकतांत्रिक प्रतिवादों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। पुलिस को अनियंत्रित शक्तियां दे दी गयी हैं, जिनका देश में नागरिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सबसे हतप्रभ करने वाली बात यह है कि पुलिस अभिरक्षा की अवधि को वर्तमान 15 दिन से बढ़ा कर 60 या 90 दिन (अपराध की प्रकृति के अनुसार) कर दिया गया है, जो आरोपी को धमकाने, उत्पीड़न और खतरे में डालेगा। इंकलाबी नौजवान सभा जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा कि वर्तमान बिहार में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, लगतार पुल पानी में बह रहा है, पेपर लीक हो रहा है इन सवालों पर बात सरकार नहीं कर रहीं, इसके उल्टा जनता के खिलाफ नये नये काला कानून बना कर लागू करने में व्यस्त है। अंतिम बात यह कि फ़ौजदारी मामलों का 3.4 करोड़ मुकदमें लंबित है, उसके बीच में इन तीन क़ानूनों को लागू करना, दो समानांतर कानूनी व्यवस्थाएं उत्पन्न करेगा, जिससे और बैकलॉग बढ़ेगा तथा पहले से अत्याधिक बोझ झेल रहे न्यायिक तंत्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। माले नेता सह बैरिया मुखिया नवीन कुमार ने कहा कि हड़बड़ी में, बिना चर्चा या संसदीय परख के, 146 विपक्षी सांसद निलंबन कर पास किया गया तीन फ़ौजदारी क़ानून है। सभा को संजय यादव, तारकेश्वर यादव, योगेन्द्र यादव, मुज्मील अंसारी, जोखू प्रसाद, रिखी साह, अफाक अहमद, रामचन्द्र यादव, ठाकुर पटेल आदि नेताओं भी सम्बोधित किया।
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