दिल्ली पुलिस की पत्रकारों के विरुद्ध हाथापाई और गला दबाने की घटना, लोकतंत्र के विरुद्ध, सरकार संज्ञान ले
बिहार प्रेस मेन्स यूनियन ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया, दंडात्मक कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन की कवरेज के क्रम में दिल्ली पुलिस की पर्याप्त मात्रा को नियंत्रित करता। हाथापाई व गला दबाने का मामला उजागर हुआ है। कार्यकर्ताओं की दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन करने के क्रम में, दिल्ली पुलिस ने न्यूज़ कवरेज करने वाले पत्रकारों को भीड़ का हिस्सा समझकर हाथापाई किया और मारपीट कर भगाना प्रारम्भ कर दिया। इस दौरान हिंदुस्तान के पत्रकार सलमान अली का बायां हाथ फ्रैक्चर हो गया है। इंडिया टुडे के अरुण ठाकुर का तो पुलिस वालों ने गला तक पकड़ लिया।
दिल्ली पुलिस के एक पदाधिकारी की तस्वीरें भी सामने आई है। तस्वीरों में पुलिस के कई पत्रकारों को जबरदस्ती रोकने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है। जिसके कारण पत्रकारों और पुलिस के बीच बहस भी हुई। कई पुलिस ने तो कथित तौर पर पत्रकारों को गिरफ्तार करने की धमकी भी दे डाली।
द वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन ने कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए, दिल्ली पुलिस और पत्रकारों के बीच हुई इस झड़प की तस्वीर ट्वीट की है। कुछ पत्रकारों ने दिल्ली पुलिस के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की है। इंडियन एक्सप्रेस के अनील शर्मा ने कहा, “ये आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं, बल्कि दिल्ली के फोटो पत्रकार हैं।”
पंजाब केसरी के मिहिर सिंह ने कहा, “पटेल चौक पर आप पार्टी के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस के पदाधिकारियों ने प्रेस फोटोग्राफरों के साथ दुर्व्यवहार किया, बहुत शर्मनाक, दिल्ली पुलिस।”
केन्द्र सरकार में हो रहे मीडिया पर हमला सदृश्य देखा जा सकता है, कि केन्द्र सरकार अभी तक संविधान पर हमला करती रही और अब मीडिया पर भी हमला करना शुरू कर दिया है। संविधान और मीडिया को अपनी मुठ्ठी में करने के उद्देश्य से, सरकार कितने वार अब करेगी?
दिल्ली में मीडिया पर हुए हमले का विरोध करते हुए बिहार प्रेस मेन्स यूनियन के प़देश अध्यक्ष अनमोल कुमार ने इस लोकतंत्र पर हमला बताया और दोषी पुलिस पदाधिकारियों की बर्खास्तगी की मांग केन्द्र सरकार से की। बिहार प्रेस मेन्स यूनियन के प्रदेश सचिव अवधेश कुमार शर्मा ने कहा है कि पत्रकारों से ऐसा व्यवहार पर सरकार को शर्मिंदा होना चाहिए। प्रदेश सचिव ने भारत सरकार से पूरे प्रकरण की जांच कर दोषी पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की मांग किया है।