गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद में क्रीड़ा भारती के अखिल भारतीय तीन दिवसीय अधिवेशन का श्रीगणेश किया
तीन दिवसीय अधिवेशन में देश भर से क्रीड़ा भारती संस्था से जुड़े खिलाड़ी और स्वयंसेवक शामिल होंगे
मुख्यमंत्री ने क्रीड़ा ज्योत स्मारिका पुस्तक का विमोचन किया

apnibaat. org
अमदाबाद : अहमदाबाद के श्रीकल्कि तीर्थधाम, प्रेरणापीठ में आयोजित क्रीड़ा भारती के अखिल भारतीय तीन दिवसीय अधिवेशन का श्रीगणेश मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को किया। अधिवेशन के शुभारम्भ के उपरांत श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के नेतृत्व में भारत को राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी मिला और खेल के आयोजन के लिए अहमदाबाद को चुने जाने का गौरवपूर्ण अवसर मिला। इस क्रम में क्रीड़ा भारती का तीन दिवसीय अधिवेशन अहमदाबाद में आयोजित है, जिससे क्रीड़ा के क्षेत्र को एक नई दिशा मिलेगी।
उन्होंने सम्बोधन कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र का विकास होना चाहिए और इसमें खेल का विकास भी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसे उदार भाव के साथ गुजरात में खेल संस्कृति विकसित करने के लिए 2010 से खेल महाकुंभ का श्रीगणेश किया है। खेल महाकुंभ के कारण राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में खेलों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ी है और खेल महाकुंभ में भाग लेने वालों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।
उन्होंने कहा कि 2010 के खेल महाकुम्भ में 16 लाख लोगों की सहभागिता हुई, खेल महाकुंभ के 2025 के संस्करण में 72 लाख लोग शामिल हुए है।
इतना ही नहीं, खेल महाकुंभ की सफलता के कारण गुजरात के लगभग 16 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में राज्य और देश का प्रतिनिधित्व किया। मुख्यमंत्री ने प्राचीन ग्रंथों में खेलों के उल्लेख की चर्चा करते हुए कहा कि भारत में प्राचीन काल से क्रीड़ा हमारी संस्कृति और जीवन शैली का एक महत्वपूर्ण भाग रहा है। हजारों वर्ष पहले लिखे ग्रंथों में 64 खेल विद्याओं(विधा) के माध्यम से व्यक्ति के कौशल विकास की बात की गई है, उनमें से कई विधा के खेलों के साथ जुड़े होने का उल्लेख है। उन्होंने कहा कि हमारे ग्रंथों में इसका उल्लेख है कि भगवान श्रीकृष्ण बचपन में लकड़ी और गेंद का खेल खेलते रहे।
इसके अलावा, गुरु द्रोणाचार्य के गुरुकुल में कौरवों और पांडवों के बीच तीरंदाजी और गदा युद्ध जैसे खेलों का भी वर्णन है। यजुर्वेद में शारीरिक प्रशिक्षण, अथर्ववेद में स्वस्थ शरीर और समाज को राज्य की रीढ़ बताया गया है। यह सब खेल भावना का प्रतिबिंब है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने क्रीड़ा भारती के पांचवें अधिवेशन में अहमदाबाद पहुंचे खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और स्वयंसेवकों का गुजरात की धरती पर स्वागत किय। श्री पटेल ने कहा कि क्रीड़ा भारती संस्था भारतीय संस्कृति में उल्लिखित, ऐसे कई खेलों के संरक्षण के लिए खेलकूद के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे रही है। उन्होने कहा कि क्रीड़ा भारती देश प्रेम के संस्कार सिंचन से केवल खिलाड़ी नहीं, बल्कि भविष्य के सुयोग्य नागरिक भी तैयार करने का काम करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ओलंपिक के भाग के रूप में 5 विश्व स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए कटिबद्ध है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने क्रीड़ा ज्योत(ज्योति) स्मारिका पुस्तक का विमोचन किया।
अहमदाबाद के श्रीकल्कि तीर्थधाम, प्रेरणापीठ में आयोजित तीन दिवसीय अधिवेशन में देश भर से क्रीड़ा भारती संस्था से जुड़े खिलाड़ी और स्वयंसेवक शामिल होंगे।
क्रीड़ा भारती के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष विवेकभाई पटेल ने स्वागत भाषण में सभी का स्वागत किया। इसके अतिरिक्त, संस्था के अखिल भारतीय महामंत्री राजजी चौधरी ने अधिवेशन के विषय सहित क्रीड़ा भारती संस्था के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
अधिवेशन में क्रीड़ा भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष गोपालजी सैनी, मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और क्रीड़ा भारती के कार्यकारी अध्यक्ष चैतन्यजी कश्यप, गुजरात प्रदेश उपाध्यक्ष मिनेषभाई, महानगर अध्यक्ष आनंदभाई, गुजरात प्रदेश मंत्री चिरागभाई और देश भर के क्रीड़ा भारती से जुड़े लोग मौजूद रहे। अपनी बात को उपर्युक्त जानकारी मिहिर कुमार शिकारी ने दी।
