Mon. Dec 22nd, 2025

“अनुसंधान से आत्मनिर्भरता की उड़ान – समृद्ध कृषि, सशक्त किसान”

मंगलवार से कृषि अनुसंधान परिसर, पटना में होगा दो दिवसीय किसान मेले का आयोजन : कृषि जागरूकता के माध्यम से बड़ी संख्या में किसान होंगे लाभान्वित

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पटना: किसान दिवस के सुअवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा 23–24 दिसंबर, 2025 को दो दिवसीय भव्य किसान मेला एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस किसान मेले की थीम “अनुसंधान से आत्मनिर्भरता की उड़ान – समृद्ध कृषि, सशक्त किसान” निर्धारित की गई है। इस आयोजन में बिहार सहित आसपास के विभिन्न जिलों से लगभग 1000 से अधिक किसान भाग लेंगे। राम कृपाल यादव, माननीय कृषि मंत्री, बिहार सरकार इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। किसान मेले का उद्देश्य किसानों को नवीन एवं उन्नत कृषि तकनीकों, पशु विज्ञान से संबंधित आधुनिक प्रबंधन पद्धतियों, उन्नत फसल उत्पादन प्रणालियों, जल–मृदा प्रबंधन, प्राकृतिक खेती, दलहन एवं मोटे अनाजों के प्रोत्साहन तथा आधुनिक कृषि यंत्रों की जानकारी प्रदान कर किसानों की आय, उत्पादकता और सतत कृषि विकास को गति देना है। यह संस्थान पूर्वी भारत की कृषि चुनौतियों—जैसे बाढ़–सूखा जोखिम, मृदा स्वास्थ्य में गिरावट, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तथा लघु और सीमांत किसानों की समस्याओं—के समाधान हेतु स्थान-विशिष्ट अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में अग्रणी भूमिका निभाता आ रहा है। किसान मेले के दौरान कृषक–वैज्ञानिक संवाद, कृषि प्रदर्शनी, तकनीकी सत्र, प्रक्षेत्र भ्रमण तथा ड्रोन प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं जैसे विकसित भारत- रोजगार गारंटी और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025, (वीबी-जी राम जी विधेयक, 2025) के बारे में विस्तृत जानकारी दी जायेगी, जिसमें 125 दिनों का रोजगार गारंटी निहित है। प्राकृतिक खेती, जलवायु-सहिष्णु कृषि, आलू व रबी फसलों की उन्नत उत्पादन तकनीक, दुधारू पशुओं का वैज्ञानिक प्रबंधन, बिहार में मोटे अनाजों की खेती की संभावनाएँ, रबी सब्जियों का उन्नत प्रबंधन, आम-लीची में फूल आने के बाद की देखभाल, मशरूम उत्पादन की समस्याओं एवं समाधान तथा रबी दलहनों की उन्नत तकनीकों की जानकारी दी गई। मेले में फसल निगरानी, सटीक छिड़काव एवं कृषि प्रबंधन में ड्रोन के उपयोग का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे किसानों को लागत घटाने और कार्यकुशलता बढ़ाने की आधुनिक तकनीक से अवगत कराया जा सके। किसान मेला के दौरान विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया जाएगा तथा उत्कृष्ट स्टॉलों को भी पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। कार्यक्रम में रामगढ़ से सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र रहेगी। साथ ही आईएआरआई पटना हब के छात्र भी इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी करेंगे। प्रदर्शनी के दौरान पारम्परिक व्यंजनों के स्टाल लगाए जायेंगे एवं प्रगतिशील किसानों एवं उद्यमियों द्वारा विकसित उत्पादों की बिक्री भी की जायेगी। इसके साथ ही प्रक्षेत्र भ्रमण एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से प्रत्यक्ष रूप से अवगत कराया जाएगा। यह दो दिवसीय किसान मेला वैज्ञानिक अनुसंधान और खेत-स्तरीय अनुप्रयोग के बीच की दूरी को कम करने का सशक्त मंच सिद्ध होगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना का यह प्रयास किसान दिवस की मूल भावना—“अनुसंधान से खेत तक”—को साकार करते हुए किसानों के सम्मान, सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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