
रतनपुर (छत्तीसगढ़) अंतर्राष्ट्रीय संत बौद्धिक मंच के बैनर तले छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला स्थित रतनपुर थाना कोटा प्रखंड के चपोरा गांव स्थित ऐतिहासिक एवं धार्मिक धरोहर में एक महर्षि भृगु ऋषि तपस्थली सिद्धआश्रम में मत्था टेका और आश्रम कि संचालिका/संरक्षिका देवी उपासक पद्मिनीपुरी के चरणों में नमन बंदन चंदन कर उनका आशीर्वाद लिया। पद्मिनीपुरी जूना अखाड़ा की महिला अवधूत है और घने जंगलों के बीच सिद्ध आश्रम में अकेली रहकर देवी साधना में लीन रहती हैं। लोग उन्हें तंत्र मंत्र का ज्ञाता भी बताते हैं। संतों और बौद्धिक जनों के जत्थे का नेतृत्व अंतर्राष्ट्रीय संत बौद्धिक मंच के राष्ट्रीय महामंत्री और उत्तर प्रदेश के प्रभारी पीठस्वामी श्यामानंदजी महाराज तथा राष्ट्रीय सचिव, भारतीय संस्कृति संरक्षण में विकास परिषद के मृत्युंजय नाथ गोपाल ने किया। सनातन की सशक्ता के लिये समर्पित तपस्विनी पद्मिनीपुरी ने कहा कि सनातनी ही सनातन की राह में थोड़ा बने बैठे हैं। पद्मिनीपुरी ने संतो के जत्थे को प्रवचन के माध्यम से देवी की सर्वोच्च सता का एहसास कराया और बौद्धिक लोगों के जिज्ञासा का निराकरण किया। इस तपोस्थली की गरिमा को पुनर्प्रतिष्ठित करने के लिए प्रयत्नशील साध्वी मां पद्मिनीपुरी ने बताया कि कालांतर में समुचित संरक्षण का आभाव एवं सरकारी उदासीनता के कारण छिन्न-भिन्न होने के कगार पर पहुंच गया।जिसका बिकास हेतु भक्तों के प्रयास से अग्रसर है।जनवरी में यज्ञोपरांत गुरू कुल की प्रक्रिया आरंभ होगी।
इस धार्मिक जत्थे में मध्य प्रदेश के जबलपुर की डा़ कविता साहू, चंद्रकला सोनी, उषा किरण, बिलासपुर के समाजसेवी सतीश साहु, रतनपुर श्रीकुमार पाण्डेय शामिल रहे। इस धार्मिक जत्थे को बिलासपुर के सतीश साहू रतनपुर के श्रीकुमार पांडे ने पूरे लगन और तन्मयता के साथ सेवा स्वागत और सत्कार किया।
अंतर्राष्ट्रीय संत बौद्धिक मंच के छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रसिद्ध समाजसेवी देवी लाल साहू पूर्ण समर्पण की भावना से जत्थे की का स्वागत और आव भगत की।
