कृषि अनुसंधान परिसर पटना में आधुनिक भूमि एवं जल प्रबंधन को रिमोट सेंसिंग,जीआईएस और मशीन लर्निंग पर बामेती प्रायोजित कार्यशाला सम्पन्न

पटना: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में दिनांक 25 नवंबर 2025 को “आधुनिक भूमि एवं जल प्रबंधन को रिमोट सेंसिंग, जीआईएस एवं मशीन लर्निंग का उपयोग” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उपर्युक्त कार्यशाला बामेती, पटना प्रायोजित रहा। कार्यशाला में पटना, गयाजी, सारण, वैशाली और जहानाबाद जिला से बिहार सरकार के विभिन्न विभाग के कुल 24 प्रतिभागियों ने सहभागिता सुनिश्चित किया। इनमें 12 एटीएम/ बीटीएम, 6 कृषि समन्वयक, 4 प्रखंड कृषि/ उद्यान पदाधिकारी तथा आत्मा के 2 उप परियोजना निदेशक, आत्मा शामिल हुए।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष उपाध्याय द्वारा की गई। उन्होंने आधुनिक कृषि में डिजिटल तकनीकों की परिवर्तनशील भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस जैसी तकनीकें संसाधन दक्षता बढ़ाने, जलवायु-सहिष्णु कृषि एवं टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने तथा भूमि एवं जल प्रबंधन में विज्ञान-सम्मत निर्णय को सुदृढ़ करने में अत्यंत सहायक सिद्ध हो रही हैं। कार्यक्रम में डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रमुख, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग; डॉ. संजीव कुमार, प्रमुख, फसल अनुसंधान प्रभाग एवं डॉ. कमल शर्मा, प्रमुख, पशुधन एवं मात्स्यिकी प्रबंधन प्रभाग ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने क्लासिफिकेशन एल्गोरिद्म, रिग्रेशन मॉडल एवं पूर्वानुमान प्रणालियाँ जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग उपकरणों की बढ़ती उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की। वैज्ञानिकों ने इस बात पर बल दिया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित विश्लेषण क्षेत्र में जलवायु-सहिष्णु एवं टिकाऊ कृषि प्रणालियों के विकास के लिए अत्यंत संभावनाएँ प्रदान करता है। कार्यशाला के दौरान वैज्ञानिकों द्वारा आधुनिक स्मार्ट उपकरणों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग अनुप्रयोगों, रिमोट सेंसिंग–जीआईएस तकनीकों, मशीन एवं डीप लर्निंग दृष्टिकोणों तथा भूमि एवं जल उत्पादकता बढ़ाने हेतु स्मार्ट तकनीकों पर केंद्रित विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
अंत में, सहभागी समूह चर्चा एवं विशेषज्ञ पैनल सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों और वैज्ञानिकों ने अपने विचार साझा किए, खेती संबंधित चुनौतियों की पहचान की और भूमि तथा जल संसाधन प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों के एकीकरण के लिए संभावित सहयोगी अवसरों पर विचार-विमर्श किया। डॉ. रोहन कुमार रमण, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कार्यक्रम के आयोजन सचिव रहे, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. धीरज कुमार सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने प्रस्तुत किया।
