कृषक–वैज्ञानिक संवाद के क्रम में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किसानों को संबोधित किया

पटना : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिनांक 19 नवम्बर 2025 को पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं चरण किस्त जारी की गई। इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में इस कार्यक्रम का लाइव वेबकास्ट आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों, वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया ।
कृषक–वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम के क्रम में मुख्य अतिथि गिरिराज सिंह केन्द्रीय मंत्री वस्त्र मंत्रालय ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे धान–गेहूँ जैसी पारंपरिक फसलों के अतिरिक्त दलहन, तिलहन, मोटे अनाज, बागवानी तथा अन्य क्षेत्रीय फसलों के फसल विविधीकरण अपनाया करें एवं अधिक लाभ कमाएँ।
उन्होंने समेकित कृषि प्रणाली, पशुपालन, बकरी पालन, मशरुम की खेती पर बल दिया। कृषक संवाद के क्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों ने रबी फसलों जैसे गेहूं, चना, सरसों, मसूर की उन्नत प्रभेद (किस्मों), फसल प्रबंधन तकनीक एवं उत्पादकता बढ़ाने की विधि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करते हुए उन्हें मृदा की कार्बन जाँच, ब्लैक बंगाल बकरी, सहजन तथा गाय के गोबर से बनने वाले मूल्य संवर्धित उत्पादों पर अनुसंधान को और सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। जिससे अत्यधिक किसान लाभान्वित हो सकें। इससे पूर्व संस्थान के निदेशक ने मंत्री गिरिराज सिंह का स्वागत करते हुए संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों एवं प्रगतिशील अनुसंधान कार्यों से अवगत कराया। कृषि प्रदर्शनी एवं प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम के अवसर पर संस्थान परिसर में कृषि प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें संस्थान के विकसित उन्नत कृषि तकनीकों, बीजों, उपकरणों एवं मॉडल प्रदर्शन को किसानों के समक्ष प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी से किसानों को नई तकनीकों की प्रत्यक्ष जानकारी एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। किसानों ने संस्थान के विभिन्न प्रक्षेत्र का अवलोकन कर वहाँ संचालित शोध कार्यों को नज़दीक से समझा।
यह कार्यक्रम संस्थान के कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केंद्र, राँची में आयोजित भी किया गया। कार्यक्रम में 336 किसानों सहित कुल 460 लोगों ने भाग लेकर इसे सफल बनाया। किसानों ने इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें नवीनतम कृषि तकनीक की जानकारी के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ समझने का अवसर मिलता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. उज्जवल कुमार, प्रभागाध्यक्ष, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार ने किया।
