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महापर्व छठ के सुमधुर गीत संगीत लहरी के साथ लोकतंत्र की सशक्तता की गूँज,11 नवम्बर 2025 को मतदान का अत्यावश्यक संदेश
भास्कर महोत्सव 2025 में महापर्व छठ की भक्तिमय सुर लहरी से मतदाता जागरुकता की जड़े हुई गहरी
बेतिया : पश्चिम चम्पारण जिला प्रशासन, कला संस्कृति व युवा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बिहारी लोक आस्था के महापर्व छठ की पवित्र संध्या पर अनुमंडलीय शहर नरकटियागंज स्थित का बिरला मंदिर परिसर (हरबोड़ा नदी छठ घाट) में सोमवार को भक्ति, संस्कृति और मतदाता जागरुकता अभियान का स्वर गायकों की सुर लहरी से गूंज उठा। भास्कर महोत्सव 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दृष्टिगत कलाकारों की सुर लहरी व पदाधिकारियों के मतदान के प्रति जागरुकता का संदेश ने अमिट छाप छोड़ा। इस बार छठ महापर्व को संवेदनशीलता, लोकपरंपरा और लोकतांत्रिक चेतना के संगम में परिवर्तित कर दिया।
भास्कर महोत्सव 2025 का श्रीगणेश विशिष्ट अतिथि अपर समाहर्ता (राजस्व) राजीव रंजन सिन्हा, अपर समाहर्ता (विभागीय जांच), कुमार रवींद्र, अपर समाहर्ता-सह-जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अनील कुमार सिन्हा, अनुमंडल पदाधिकारी नरकटियागंज सूर्य प्रकाश गुप्ता, पश्चिम चम्पारण जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सह सूचना एवं जन सम्पर्क पदाधिकारी राकेश कुमार, बीडीओ सुरज कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्व लन उपरांत कहा कि छठ महापर्व स्वच्छता, पवित्रता, आत्मसंयम, अनुशासन का प्रकृति पर्व है। इसी भावना से जब हम मतदान करेंगे, तो लोकतंत्र भी अत्यधिक सशक्त होगा। जिस प्रकार श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्यदान देकर कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, उसी प्रकार हमसब अपना मतदान कर लोकतंत्र के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें। मतदान के प्रति समर्पित होकर लोकतंत्र के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनना चाहिए।
अतिथियों ने उपस्थित जनसमूह को 11 नवंबर 2025 को होने वाले मतदान में शत-प्रतिशत भागीदारी का संकल्प दिलाया और कहा कि प्रत्येक मतदान लोकतंत्र का उत्सव है। उपर्युक्त कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत अनुमंडल पदाधिकारी, नरकटियागंज सूर्य प्रकाश गुप्ता ने पौधा एवं शॉल भेंटकर किया। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भास्कर महोत्सव केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह हमारी परंपरा और सामाजिक चेतना का जीवंत प्रतीक है। कला और जागरुकता जब एक मंच पर आते हैं, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन स्वाभाविक होता है।
भास्कर महोत्सव में जिला के ख्यातिलब्ध लोक कलाकारों में असलम चिश्ती, देवेन्द्र, ममता महतो, मनोज मिश्र, प्रीति सिंह, बालेंदु मिश्र, सत्यम मिश्र, रामू कुमार, सुभाष पटेल, अरविंद मिश्र, ज्योति शर्मा ने पारंपरिक छठ गीत, भजन और लोकगीतों की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध व आत्म विभोर कर दिया। कलाकारों ने छठ की भक्ति के साथ-साथ गीतों के माध्यम से ‘पहले मतदान, फिर जलपान’ और ‘लोकतंत्र का पर्व – हर मत की शक्ति’ जैसे संदेशों को सुरों में पिरोया। दर्शक दीर्घा में उपस्थित लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। आयोजन स्थल को दीपों, रंगोलियों और छठ थीम पर आधारित पोस्टरों तथा ममतदाता जगरुकता संदेश से सजा रहा, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय और संदेश प्रधान बना रहा।
पश्चिम चम्पारण जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सह सूचना एवं जन सम्पर्क पदाधिकारी राकेश कुमार, बीडीओ सुरज कुमार सिंह ने सभी कलाकारों, तकनीकी कर्मियों एवं सहयोगी टीम के सदस्यों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। महोत्सव में नरकटियागंज प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मी, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में आमजन एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।
भक्ति, संस्कृति और जन-जागरुकता के अद्भुत संगम भास्कर महोत्सव – 2025 का समापन छठ मइया के पारंपरिक गीत “कांच ही बांस के बहंगी लचकत जाए” के सुरों के साथ हुआ।
कार्यक्रम ने आमजन को यह संदेश दिया कि जैसे छठ पूजा में सभी लोग आस्था से एकजुट होते हैं, वैसे ही लोकतंत्र के महापर्व — मतदान दिवस 11 नवम्बर 2025 को सभी की सहभागिता आवश्यक है। सभी मतदाता अपने बूथों पर जाएंगे और अपने मत का प्रयोग करेंगे। कार्यक्रम के क्रम में जिला प्रशासन एवं स्वीप कोषांग के पदाधिकारियों, कर्मियों ने भी उपस्थित लोगों को पहले मतदान, फिर जलपान का संदेश देते हुए मतदाता जागरुकता की शपथ दिलाई।
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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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