Fri. Sep 12th, 2025
किसानों के धैर्य का बाँध टूटा, आक्रोशित किसानो ने सड़क यातायात अवरुद्ध, टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन
apnibaat.org
बेतिया : पश्चिम चम्पारण जिला में सरकार और प्रशासन भले डुगडुगी बजा ले, अपनी पीठ थपथपा ले लेकिन कृषि विभाग और जिला प्रशासन अपनी विफलता का ठीकरा किसके सिर फोड़े यह रास्ता देख रहे हैं। किसानो का आरोप है कि उन्हें यूरिया नहीं मिल रही है। प्रशासन का कहना है कि यूरिया का कोई आभाव नहीं है। जिला कृषि पदाधिकारी ने विगत दिनों मीडिया को बताया कि जिला में यूरिया की कोई कमी नहीं है। उधर किसान कह रहे हैं कि यूरिया की कमी की समस्या नहीं सुलझ रही है। जिससे जिला के किसानों के धैर्य का बाँध टूट गया है। पश्चिम चम्पारण जिला के नरकटियागंज अनुमण्डल के मैंनाटांड़ प्रखंड अंतर्गत के किसानों ने रविवार की सुबह झझरी चौक पर पिंडारी-इनरवा मुख्य मार्ग अवरुद्ध कर दिया। इस क्रम में उन्होंने आगजनी भी किया और प्रशासन पर किसानो के प्रति उदासीनता और लापरवाही का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि किसानो के अधिकार के उर्वरक बाहर बेंचे जा रहे हैं। जिला के किसान यह भी बताते हैं कि कालाबाज़ार में रात के अँधेरे में यूरिया उपलब्ध है। यूरिया खाद की अनुपलब्धता से परेशान किसान यूरिया बाहर भेजने का आरोप भी लगा रहे हैं। मैनाटांड़ प्रखण्ड के किसानों का आक्रोश रविवार को फूटा, उन्होंने प्रातःकाल से झझरी चौक पर पिंडारी-इनरवा मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर विरोध प्रदर्शन किया। इस क्रम में प्रदर्शनकारी किसान सड़क पर आगजनी किया। किसानों ने प्रशासन और कृषि विभाग के विरुद्ध नाराबाजी किया। आंदोलन के कारण उपर्युक्त मार्ग पर यातायात पूर्णतः ठप्प रहाऔर जिससे उस मार्ग से आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। किसानो के आंदोलन पर मण्डल और अनुमण्डल स्तरीय पदाधिकारियों ने कोई विशेष तवज्जो नहीं दिया।
किसान बताते हैं कि विगत 20 दिन पूर्व खाद दुकान पर यूरिया की खेप आई, लेकिन किसानों को देने की जगह अन्य लोगों को बेच दिया गया। किसानों का आरोप है कि यूरिया की कालाबाजारी कर, सीमापार भेजा जा रहा है, जबकि भारतीय किसान अपनी धान को बचाने के लिए उर्वरक के लिए खाक छान रहे हैं। वस्तु स्थिति यह कि उर्वरंक कालाबाज़ार में प्रति बैग 500 से 600 रुपये तक में उपलब्ध हो जा रही है। इसके लिए कौन उत्तरदायी है। आक्रोशित आंदोलन कारी किसान चेतावनी दे रहे हैं कि प्रशासन यदि तत्काल यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं करता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसका उत्तरदायित्व प्रशासन का होगा। किसानों का कहना है कि धान की फसल यूरिया के अभाव में बर्बादी की कगार पर है और समय पर उर्वरक नहीं मिलने से धान उत्पादन पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। किसान हरिराज सहनी, हरिनारायण सोनी, राजेश साह, प्रदीप कुमार, सुबोध कुमार, चंदन साह, शंभू राम, किशोरी साह समेत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी किसानों ने प्रशासन से मांग की किया है कि तुरंत छानबीन कर कालाबाजारी पर रोक लगाते हुए, किसानों को उचित मूल्य व समय पर उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करें प्रशासन।
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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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