नीति आयोग किसानों व उपभोक्ता को गिनी पिग या चूहा मत समझे : भारतीय किसान संघ
किसान संघ ने नीति आयोग के “कृषि व्यापार कार्य पत्र” को वापस लेने के निर्णय का किया स्वागत
जयपुर/नई दिल्ली : भारतीय किसान संघ के विरोध और उसे अन्य किसान संगठनों से मिले समर्थन के बाद नीति आयोग ने किसान विरोधी भारत-अमेरिका कृषि व्यापार कार्य पत्र को वापस ले लिया है। भारतीय किसान संघ ने नीति आयोग को बताया है कि किसानों व उपभोक्ता को गिनी पिग या चूहा मत समझे। भारत सरकार को नीतिगत विषयों पर सुझाव देने वाली भारत की अग्रणी संस्था नीति आयोग ने भारत-अमेरिका के मध्य व्यापार पर एक कार्यपत्र निर्गत जारी किया। जिससे “नई अमेरिकी व्यापार व्यवस्था में भारत-अमेरिका कृषि व्यापार को बढ़ावा देना” नाम दिया। जिस पर देश के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान संघ ने 14 जून 2025 को विधिवत कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। किसान संघ के विरोध और उसे अन्य किसान संगठनों से मिले समर्थन के बाद इसे नीति आयोग की वेबसाइट से हटा लिया गया है। इस पत्र में अमेरिका से जीएम सोयाबीन तेल, जीएम सोयाबीन बीज और जीएम मक्का सहित अन्य डेयरी प्रोडक्ट को आयात करने के सुझाव दिया था। पत्र में सोयाबीन तेल के आयात पर अमेरिका को टैरिफ में रियायतें देने की वकालत की गई थी, जबकि जीएम फसलों के दुष्प्रभाव व लाभ को लेकर जारी शोध की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
नीति आयोग किसानों व उपभोक्ता को गिनी पिग या चूहा मत समझे
महामंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि अनुशंसा करने वाले नीति आयोग के लोग पहले अपने ऊपर लंबे समय जीएम फसल का प्रयोग करें और परिणाम जांचें। नीति आयोग किसानों व उपभोक्ता को गिनी पिग या चूहा मत समझे। भारतीय किसान संघ के महामंत्री ने कहा कि पूर्व में भी हरित क्रांति के नाम पर अधिक उत्पादन की चाहत में किसानों को रासायनिक खेती करने के लिए रसायन परोसा गया और अब इन्हीं रसायनों से कैंसर होने पर दोष किसान पर मढ़ा जा रहा है। यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भारत के 70 करोड़ किसानों की आजीविका पर खतरा टला
भारतीय किसान संघ के महासचिव मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा, कि ‘अमेरिकी दबाव में भारतीय कृषि को जीएम उत्पादों के लिए खोलने से कृषि पर निर्भर लगभग 70 करोड़ भारतीय किसानों की आजीविका खतरे में पड़ सकती है। अमेरिका जैसे देशों में किसानों को भारी सब्सिडी दी जाती है और उत्पादन लागत कम है। ऐसे में भारत का किसान उनसे प्रतियोगिता नहीं कर सकता है। नीति आयोग के कार्य पत्र की वापसी से किसानों पर से अभी यह खतरा टल गया है। नीति आयोग के इस निर्णय का संघ स्वागत करता हैं।
किसान संघ ने बताया किसानों की जीत
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि नीति आयोग के सुझाव देश और उसके किसानों के हितों के विरुद्ध हैं। जिसके बाद नीति आयोग ने भारत-अमेरिका कृषि व्यापार नाम के इस कार्य पत्र को देश के किसानों के भारी विरोध के चलते वापस लेकर वेबसाइट से हटा लिया है। श्री मिश्र ने इसे किसानों की बड़ी जीत कहा है। उपर्युक्त जानकारी राजीव दीक्षित प्रचार प्रमुख भारतीय किसान संघ राजस्थान ने अपनी बात को दी।