“लक्ष्य के प्रति उत्साही और यथार्थवादी रहें” : गजेंद्र सिंह
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जयपुर: भारतीय किसान संघ का जयपुर प्रांत का एक दिवसीय प्रशिक्षणार्थियों का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
जीवन का प्रत्येक पल महत्वपूर्ण और अनन्त सम्भावनाओं से युक्त है। अत: प्राप्त सामर्थ्य, समय एवं संसाधनों का समुचित उपयोग कर, उच्चतम लक्ष्य निर्धारित कर उसकी पूर्ति के लिए अपनी सम्पूर्ण सामर्थ्य और योग्यता को केन्द्रित करें। आपकी उपलब्धियाँ, आपके संकल्प पर निर्भर करेंगी। स्वयं पर विश्वास रखें और यह स्मरण रहे कि ईश्वर की कृपा आपके साथ है और सर्वोच्च सत्ता ने आपको दिव्य क्षमता और अंतहीन सामर्थ्य प्रदान किया है, इसलिए सभी कार्य सम्भव है। निन्दा-स्तुति, लाभ-हानि की चिन्ता किए बिना उद्देश्यपूर्ण जीवन जीएँ व लक्ष्य प्राप्ति तक आगे बढ़ते रहें। ऊर्जावान, उत्साही तथा सत्यनिष्ठ व्यक्तियों के संग से मन की एकाग्रता, विचारों की स्पष्टता व भावनाओं का संतुलन सुगम हो जाता है। विकल्प-रहित संकल्प और अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ से आप अपने उच्चतम लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उपर्युक्त विचार 11 जून 2025 बुधवार को
भारतीय किसान संघ जयपुर प्रांत एवं संभाग की प्रशिक्षित कार्यकारिणी के समक्ष भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय से संगठन मंत्री गजेंद्र सिंह ने किसानों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया। गजेंद्र सिंह ने उन्नति के पथ पर सदैव अग्रसर रहने तथा किसान की उन्नति के लिए प्रयास न करना ही अवनति है। हमारे किए गए उपक्रम हमें उन्नति दिलाएंगे। सह संगठन मंत्री ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अनुशासन व समय की महत्ता का पालन कर जीवन के उच्च लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। कोई भी कार्य करने से पहले संकल्प, विचार और विश्वास को दृढ़ करें। जीवन में जब कोई बड़ा निर्णय लेना हो तब वेदमत, लोकमत, विधिमत, सद्गुरु मत और परिवार का मत अवश्य लेना चाहिए, क्योंकि यह हमें सदैव सच्चा मार्ग दिखाते हैं। मनुष्य को सदा अच्छी संगति करनी चाहिए, क्योंकि अच्छी या बुरी संगति का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में पड़ता है। गलत लोगों की संगत करने पर कुछ समय के लिए तो सुख प्राप्त होता है, लेकिन तत्पश्चात अनेक संकटों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को हानि पहुँचाने वाले लोगों के साथ उनके परिवार को कष्ट, हानि और अपमान झेलना पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति जैसा कार्य करता है, उसको वैसे ही फल की प्राप्ति होती है। श्री सिंह ने कहा कि हमारे जीवन का वास्तविक उद्देश्य शास्त्रानुसार भक्ति कर के मोक्ष प्राप्ति की ओर अग्रसर होने में जीवन की सार्थकता निहित है। श्रीमद् भागवत गीता के अनुसार तत्वदर्शी सन्त से उपदेश लेकर शास्त्रों के अनुसार भक्ति तथा अन्नदाता की सेवा करने से मोक्ष होता है तथा यही जीवन का प्रथम व अन्तिम लक्ष्य है …।
गजेंद्र सिंह ने कहा – जीवन में आध्यात्मिक गुणवत्ता प्रयोजनीय है। स्वयं का उद्धार, स्वयं करें। आत्म-संयम के कठिन मार्ग पर चलने वालों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। प्रतिदिन आत्म-निरीक्षण करना चाहिए। अपने दोष, बुराइयों को जान बूझकर छिपाना या उस पर पर्दा नहीं डालना चाहिए। अपनी बुराइयों को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि सुधारना है तो स्वयं को सुधारें। आत्म-निरीक्षण करने के साथ ही सुधार की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है। संसार में कोई भी नियम ऐसा नहीं है, बिना आत्म-संयम के जिसका कि पालन किया जा सके। अपनी बुराइयों को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए। उन्हें दूर करने के लिए निरन्तर प्रयास करते रहना चाहिए। संयम के लिए नैतिक बल की आवश्यकता होती है। संयम साधना में संगति और स्थान का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। निकृष्ट चरित्र एवं दुर्विचार वाले व्यक्तियों से दूर रहना चाहिए, जहाँ असंयम का वातावरण होता है, वहाँ संयम साधना में सफलता नहीं मिलती है। वहीं, अच्छे लोगों की संगत करके एवं अच्छे वातावरण में रह कर इसे प्राप्त किया जा सकता है। जीवन के उत्कर्ष के लिए सन्त-महापुरुषों का अनुसरण आवश्यक है। अध्यात्म आत्म-उत्कर्ष, जीवन-सिद्धि, अखण्ड-आनन्द एवं परम-शान्ति का मार्ग है। गीताकार ने अर्जुन को और उनके माध्यम से मानव को प्रेरणा दी है कि अपना उद्धार स्वयं करें। अपनी समृद्धि के लिए स्वयं तत्पर एवं उद्यत हों। अपने उत्थान और पतन का दायित्व स्वयं वहन करें। यदि जीवन में हमें ऊँचा उठना है, तो हमें स्वयं ही पुरुषार्थ करना होगा। शक्तियों का स्रोत हमारे भीतर है। इसलिए ईश्वर हमारी सहायता तभी करते हैं, जब हम इसके पात्र होते हैं। कार्यक्रम में किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण सिंह एवं प्रदेश महामंत्री तुलसाराम सिवर, प्रदेश मंत्री चंद्रावती चौधरी, प्रचार प्रमुख राजीव दीक्षित, श्रीचंद्र सिद्ध चूरू, सुमेर सिंह, नत्थी सिंह धौलपुर भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांत अध्यक्ष कालूराम बागड़ा, जबकि कार्यक्रम का संचालन प्रांतीय महामंत्री डॉ सांवरमल सोलेट ने किया। प्रदेश कोषाध्यक्ष अध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी, प्रांतीय कोषाध्यक्ष शिव शंकर, प्रांतीय मंत्री लटूर सिंह गुर्जर, प्रांतीय प्रचार प्रमुख दिनेश गोरसिया के साथ-साथ सभी 18 जिलाध्यक्ष एवं जिला मंत्री तथा तीनों संभाग के अध्यक्ष, मंत्री, कोषाध्यक्ष भी कार्यक्रम में शामिल हुए। सभी प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं को जयपुर प्रांत की सभी ग्राम इकाइयों तक जुलाई 2025 तक निश्चित ही पहुंचना होगा। उपर्युक्त जानकारी राजीव दीक्षित प्रचार प्रमुख भारतीय किसान संघ राजस्थान ने पत्रकारों को दी।