जिंदगी की जंग हार गई मुजफ्फरपुर की रेप पीड़िता, पीएमसीएच में चिकित्सकों का अमानवीय व्यवहार
पीएमसीएच में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं चिकित्सकों में नोक झोक, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ चिकित्सकों की कारगर्दगी पर शर्मिंदगी व्यक्त किया
apnibaat.org/एसएन श्याम व अनमोल कुमार
पटना: बिहार में विकास का दावा किया जा रहा है, इसमें अतिशयोक्ति नहीं, अलबत्ता विकास नकारात्मक भी है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि 5 दिनों तक जीवन व मृत्यु से संघर्ष करने वाली मुजफ्फरपुर की 11 वर्षीया दुष्कर्म पीड़िता किशोरी अंततोगत्वा चिकित्सा में अत्यधिक विलंब एवं चिकित्सकीय उदासीनता व लापरवाही के कारण रविवार को मृत्यु से हार गई। बिहार सरकार के मनबढ़ू चिकित्सक (डॉक्टर) की कर्त्तव्य हीनता और सरकार की जन विरोधी नीति का शिकार बन कर दुष्कर्म पीड़िता 11 वर्षीया किशोरी ने पीएमसीएच में दम तोड़ दिया। दुष्कर्म पीड़िता की चिकित्सा के लिए बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार और पीएमसीएच के आपातकालीन (इमरजेंसी) डॉक्टर (चिकित्सक) में खूब नोक झोंक भी हुई।
ख़बर है कि मुजफ्फरपुर के कुढ़नी थाना क्षेत्र में 26 मई 2025 को 11 वर्षीया किशोरी से दुष्कर्म उपरांत गला रेत स्तन काट दिया गया। जिसकी चिकित्सा 5 दिन मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में किया गया। उसकी स्थिति में कोई सुधार होता नहीं दिखा तो चिकित्सकों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया। शनिवार की रात में एंबुलेंस से दुष्कर्म पीड़िता को पीएमसीएच लाया गया। पीएमसीएच के चिकित्सा कर्मियों ने दुष्कर्म पीड़िता के साथ जल्लाद सा व्यवहार किया। सूत्र बताते हैं कि पीएमसीएच के चिकित्सकों ने अमानवीयता की सारी सीमा लांघ दिया और पीड़िता को अस्पताल में भर्ती नहीं किया। उसे बेड नहीं दिया, दुष्कर्म पीड़िता 9 घंटे तक एंबुलेंस में तड़पती जीवन मौत से संघर्ष करती रही, चिकित्सकों का कलेजा नहीं पिघला। पीड़िता के पिता ने जब डॉक्टर से बात करने का प्रयास किया तो डॉक्टरों ने उसके पिता को डांटा- दुर्व्यवहार कर भगा दिया। उपर्युक्त आशय की जानकारी होते ही, बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पीएमसीएच पहुंचे। अस्पताल के इमरजेंसी में उपस्थित डॉक्टर एवं राजेश के बीच जमकर नोक झोंक हुई। उसके बाद पीड़िता को बेड उपलब्ध कराया गया। चिकित्सा प्रारम्भ करने के पूर्व दुष्कर्म पीड़िता चिकित्सकों की कारगुज़ारी से मौत को गले लगा चुकी थी। पीएमसीएच में अधिकांश रोगी के परिजनों ने बताया कि पीएमसीएच के चिकित्सक (डॉक्टर) मानव नहीं दानव है। वे डॉक्टर कम डाकू अधिक हैं। प्रबुद्धजन और रोगी के परिजन बताते हैं कि पीएमसीएच के चिकित्सकों (डॉक्टर) को देखकर जल्लाद भी शरमा जाएँ , किंतु डॉक्टर व सरकार को शर्म नहीं आती।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि वह आज इस बात को लेकर शर्मिंदा है कि उन्होंने पीएमसीएच से डॉक्टरी किया है। राजद ने इस मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से त्यागपत्र देने की मांग किया है। इस मामले को लेकर पीएमसीएच प्रशासन और बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तरह मौन धारण कर रखा है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय तो मौनी बाबा बन गये हैं। इसके पूर्व पीएमसीएच में डॉक्टरों ने भाजपा नेता रहे यूट्यूबर मनीष कश्यप को कमरे में बंद कर कातिलाना हमला कर हत्या का प्रयास किया था। उधर पुलिस ने दुष्कर्म काण्ड के आरोपी रितेश सैनिक को गिरफ्तार कर न्यायालय को सौंप दिया है।