विकसित कृषि संकल्प अभियान : “लैब टू लैंड” के विजन को ग्रामीण भारत में दे रहा है गति
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पटना: भारत सरकार की “लैब टू लैंड” कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को देशभर में व्यापक स्तर पर क्रियान्वित किया जा रहा है। अभियान के दूसरे दिन कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों के 103 दलों ने बिहार के 38 जिला में 300 से अधिक गाँवों का भ्रमण किया तथा किसानों के साथ प्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर उनकी समस्या को समझा और समाधानपरक सुझाव दिया। विशेषज्ञों ने आगामी खरीफ सत्र के उन्नत कृषि तकनीकों, जलवायु अनुकूल पद्धतियों, एवं उत्पादन वृद्धि सम्बंधी उपाय पर किसानों को मार्गदर्शन दिया। किसानों में उल्लेखनीय उत्साह देखा गया, नवीनतम तकनीकों को अपनाने को किसान तत्पर दिखे। कई स्थल पर ड्रोन तकनीक का जीवंत प्रदर्शन भी किया गया, जिससे किसानों को ड्रोन के कृषि क्षेत्र में विभिन्न उपयोग, जैसे कीटनाशक छिड़काव, फसल स्वास्थ्य निगरानी की जानकारी दी गई। विशेषज्ञों की टीम ने केंद्र और राज्य सरकार के कृषि विकास योजना के बारे में किसानों से परिचर्चा किया। वैज्ञानिकों ने किसानों को खरीफ में धान की एकल फसल पर निर्भरता कम कर फसल विविधीकरण अपनाने का परामर्श दिया। इसके अंतर्गत मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी, अरहर फसल को समावेशित करने पर बल दिया, जिससे पर्यावरणीय संतुलन एवं आय में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
इस अभियान की नोडल एजेंसी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास एवं सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग के प्रमुख डॉ. उज्ज्वल कुमार ने भोजपुर जिला के चारपोखरी (पीरो) गाँव तथा बक्सर जिला के माथीला एवं कंझरुआ गाँव में संचालित गतिविधियों का अवलोकन किया। उन्होंने उन गांव के किसानों से संवाद स्थापित कर अभियान की प्रभावशीलता का आकलन किया और इसे किसानों के समग्र एवं समेकित विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया। अभियान के क्रम में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, आईसीटी टूल्स, एवं अन्य डिजिटल संसाधनों की जानकारी भी दी गई। विदित हो कि यह कार्यक्रम 12 जून, 2025 तक प्रतिदिन संचालित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का पूरा देखरेख एवं समन्वयन आईसीएआर अटारी एवं आर.सी.ई.आर. पटना संयुक्त रूप से कर रहे हैं।