Sat. May 31st, 2025


पटना /नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) ने देशभर में विकसित कृषि संकल्प अभियान संचालित करेगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उपर्युक्त अभियान 700 से अधिक जिला में 29 मई 2025 से प्रारंभ होकर 12 जून 2025 संचालित होगा। इस क्रम में हमारे कृषि वैज्ञानिक एवं मंत्रालय के पदाधिकारी-कर्मचारी, स्थानीय कृषि कर्मियों के साथ टीम बनाकर प्रतिदिन अलग-अलग गांवों में पहुंचकर किसानों से सीधा संवाद करेंगे तथा उन्हें खेती-किसानी के सम्बंध में अपने स्तर पर और जागरूक कर, विभिन्न सलाह देंगे। यह सारी कवायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लैब टू लैंड” के मंत्र को साकार करने के लिए किया जा रहा है। आधुनिक व आदर्श खेती के साथ ही, यह “एक देश, एक कृषि, एक टीम” की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सम्बंध में आज एक उच्चस्तरीय बैठक भी दिल्ली में आयोजित की गई, जिसमें देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के साथ ही देशभर में फैले आईसीएआर के 100 से अधिक संस्थानों तथा कृषि विज्ञान से जुड़े अन्य संस्थानों के साथ ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ पदाधिकारी हाईब्रिड मोड में शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी तथा आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट भी उपस्थित रहे। मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि इस रचनात्मक व महत्वाकांक्षी अभियान के पीछे का उद्देश्य यहीं है कि हमारी खेती उन्नत-विकसित हो और हमारे किसानों को इसका सीधा लाभ मिलें। पूरे अभियान के क्रम में उन्नत तकनीकों, नई किस्मों व सरकारी योजनाओं के बारे में किसानों के बीच जागरूकता का प्रसार किया जाएगा, साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना भी उद्देश्य है। अभियान में चार-चार वैज्ञानिकों की टीम, किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझाई गई, विभिन्न फसलों में संतुलित खादों के प्रयोग के लिए जागरूक व शिक्षित करेगी। केवीके, आईसीएआर के संस्थानों व इफको द्वारा कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग का प्रदर्शन भी किया जाएगा एवं किसानों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए आई.सी.टी. का व्यापक उपयोग होगा। धान की सीधी बुवाई (डी.एस.आर), फसल विविधीकरण, सोयाबीन की फसल में मशीनीकरण जैसी उन्नत तकनीकों का प्रसार भी केवीके के विशेषज्ञ करेंगे। टीमों में राज्य कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन विभागों, आत्मा के अधिकारी, राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) से जुड़े पौध संरक्षण पदाधिकारियों के साथ प्रगतिशील किसान, कृषि उद्यमी, एफपीओ/ एफआईजी/स्वयं सहायता समूहों के सदस्य भी शामिल होंगे।
उपर्युक्त बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विकसित भारत के लिए हमारा संकल्प है, विकसित खेती और समृद्ध किसान और किसानों को अगर समृद्ध बनाना है, तो विधि है कि वे ठीक ढंग से खेती करें। हम जो विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू कर रहे हैं, ये कर्मकांड नहीं है। ये ऐसा कार्यक्रम भी नहीं है कि हम आज शुरू कर रहे हैं और 10-20 वर्ष बाद इसका परिणाम आएगा, बल्कि ये एक ऐसा अभिनव कार्यक्रम है कि हम आज शुरू करेंगे व तीन महीने बाद खरीफ सीजन में ही इसके सकारात्मक परिणाम की पूरी आशा है। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि मेरा मानना है कि कृषि में जो रिसर्च हो रहे हैं, वो किसानों के पास खेतों तक पहुंचना चाहिए। अभियान के माध्यम किसानों में जिज्ञासा व रूचि पैदा होगी व वैज्ञानिक भी उत्साहित होंगे। श्री चौहान ने वैज्ञानिकों से कहा कि ये कार्य वे मन से करेंगे तो इसका देश को, किसानों को बहुत लाभ होगा।
इस सम्बंध में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजा हैं, केंद्रीय कृषि सचिव श्री चतुर्वेदी व आर्ईसीएआर के महानिदेशक डा. जाट ने भी अपने-अपने स्तर पर राज्यों के उच्चाधिकारियों से संवाद किया है। अभियान की सफलता के लिए इसकी विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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