जिंदगी तस्वीर भी है। और तकदीर भी है। फर्क तो सिर्फ रंगो का है। मनचाहे रंगो से बनाओ तो तस्वीर बनती है। और अपजाने रंगो से बनाएं सो तकदीर कहलाती है। जो गुरुदेव हम सभी के तकदीर बनाने वाले है। वह कल तक तो हमे पार्थिव रुप से चलते फिरते नजर आते थे लेकिन आज वह तस्वीर बने बैठे है। जिंदगी में हरेक प्रकार के मानव होते है। कई लोग गोरा कई लोग काले होते है। और कई लोग विकलांग वे तस्वीर होते है। और तकदीर अपने मन से बनाते है। जिस दिशा में हम स्वमं जाते है। और अपने तकदीर बनाते है।