प्रेरणादायक संवाद सत्र में प्रतिदिन कुछ नया सीखें और भविष्य की चुनौतियों से निपटे : डॉ.एस.एस. राठौर

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पटना: आईएआरआई-पटना हब के विद्यार्थियों को प्रेरित करने और मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में डॉ. एस.एस. राठौर, प्रमुख, शस्य विज्ञान विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली के साथ एक प्रेरणादायक संवाद सत्र का आयोजन किया गया। डॉ. राठौर का स्वागत, संस्थान के निदेशक डॉ.अनुप दास ने किया। उन्होंने शस्य विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. राठौर के बहुमूल्य योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका व्यापक अनुभव विद्यार्थियों को व्यावहारिक समझ प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा, जिससे वे भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना अच्छे ढंग से कर सकेंगे। डॉ. राठौर ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे संवाद सत्र को आपसी सीख का महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चर्चा न केवल विद्यार्थी को अपने संदेह दूर करने का अवसर देती हैं, बल्कि नये विचारों और दृष्टिकोणों को जन्म देने में उत्प्रेरक का कार्य भी करती हैं। उन्होंने कहा, “विकास का मूलमंत्र है, प्रतिदिन कुछ नया सीखना”,। इस बात पर बल दिया कि जिज्ञासु बने रहना और सतत सीखने की प्रक्रिया से जुड़े रहना अतिआवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों को दैनिक रुप से अपने ज्ञान को अद्यतन करने और रोज़गारोन्मुख कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का परामर्श दिया। जिससे उनके लिए उज्जवल कैरियर का मार्ग प्रशस्त हो सकें। अपने प्रेरणादायक विचार में उन्होंने कहा, “आप किसी से कम नहीं हैं,” और विश्वास रखते हुए पूरे समर्पण के साथ सीखने की प्रक्रिया को अपनाने का आग्रह किया। डॉ. अनुप दास ने भी विद्यार्थियों के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया और उन्हें साधारण से ऊपर उठने की प्रेरणा दी। उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यार्थी दो से तीन के छोटे-छोटे समूह बनाकर उन विषयों पर खुद के नोट्स तैयार करें, जिनमें उनकी विशेष रुचि हो। डॉ. दास ने कहा कि आत्म-शिक्षा उनकी शैक्षणिक यात्रा और भविष्य की सफलता का एक महत्वपूर्ण भाग होगा। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि “ज्ञान का इंतजार मत करो, स्वयं आगे बढ़कर उसे खोजो।”
संवाद सत्र के समापन के बाद, डॉ. राठौर और डॉ. अनुप दास ने सबजपूरा प्रक्षेत्र का भ्रमण किया, जहाँ उन्होंने संचालित परियोजनाओं का अवलोकन किया।
कार्यक्रम का समन्वय डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किया। यह सत्र विद्यार्थियों के लिए एक अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक अनुभव सिद्ध हुआ।
पटना: आईएआरआई-पटना हब के विद्यार्थियों को प्रेरित करने और मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में डॉ. एस.एस. राठौर, प्रमुख, शस्य विज्ञान विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली के साथ एक प्रेरणादायक संवाद सत्र का आयोजन किया गया। डॉ. राठौर का स्वागत, संस्थान के निदेशक डॉ.अनुप दास ने किया। उन्होंने शस्य विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. राठौर के बहुमूल्य योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका व्यापक अनुभव विद्यार्थियों को व्यावहारिक समझ प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा, जिससे वे भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना अच्छे ढंग से कर सकेंगे। डॉ. राठौर ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे संवाद सत्र को आपसी सीख का महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चर्चा न केवल विद्यार्थी को अपने संदेह दूर करने का अवसर देती हैं, बल्कि नये विचारों और दृष्टिकोणों को जन्म देने में उत्प्रेरक का कार्य भी करती हैं। उन्होंने कहा, “विकास का मूलमंत्र है, प्रतिदिन कुछ नया सीखना”,। इस बात पर बल दिया कि जिज्ञासु बने रहना और सतत सीखने की प्रक्रिया से जुड़े रहना अतिआवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों को दैनिक रुप से अपने ज्ञान को अद्यतन करने और रोज़गारोन्मुख कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का परामर्श दिया। जिससे उनके लिए उज्जवल कैरियर का मार्ग प्रशस्त हो सकें। अपने प्रेरणादायक विचार में उन्होंने कहा, “आप किसी से कम नहीं हैं,” और विश्वास रखते हुए पूरे समर्पण के साथ सीखने की प्रक्रिया को अपनाने का आग्रह किया। डॉ. अनुप दास ने भी विद्यार्थियों के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया और उन्हें साधारण से ऊपर उठने की प्रेरणा दी। उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यार्थी दो से तीन के छोटे-छोटे समूह बनाकर उन विषयों पर खुद के नोट्स तैयार करें, जिनमें उनकी विशेष रुचि हो। डॉ. दास ने कहा कि आत्म-शिक्षा उनकी शैक्षणिक यात्रा और भविष्य की सफलता का एक महत्वपूर्ण भाग होगा। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि “ज्ञान का इंतजार मत करो, स्वयं आगे बढ़कर उसे खोजो।”
संवाद सत्र के समापन के बाद, डॉ. राठौर और डॉ. अनुप दास ने सबजपूरा प्रक्षेत्र का भ्रमण किया, जहाँ उन्होंने संचालित परियोजनाओं का अवलोकन किया।
कार्यक्रम का समन्वय डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किया। यह सत्र विद्यार्थियों के लिए एक अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक अनुभव सिद्ध हुआ।

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