चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान की जयंती पर विशेष, जन्म स्थान एवं साम्राज्य
apnibaat.org/अनमोल कुमार
पटना: भारतवर्ष के चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान भारतीय इतिहास के महानतम शासकों में एक रहे हैं। जिन्होंने मौर्य साम्राज्य को उसकी सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाया। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य के पौत्र व बिंदुसार के पुत्र सम्राट अशोक की पांच संतान तीन पुत्र व दो पुत्री यथा महेंद्र,संघमित्रा, तीवर, कुणाल और चारुमति हुए। सम्राट अशोक का अवतरण (जन्म) 304 ईसा पूर्व पाटलीपुत्र (पटना) में हुआ। उनके जन्म के समय पाटलीपुत्र भारत की राजधानी हुआ करता था। सम्राट अशोक बचपन से प्रतिभावान और तीव्र बुद्धि के कुशाग्र रहे, उनके बड़े भाई का नाम सुशीम रहा। सम्राट अशोक ने सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल,भूटान, म्यांमार, तिब्बत, ईरान, अफगानिस्तान तक) पर मौर्य साम्राज्य का विस्तार किया। 261 ईसा पूर्व अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया।इतिहासकारों का मानना है कि उस युद्ध में खून की धारा बह चली, जिसे देखकर अशोक का हृदय द्रवित हो गया और कलिंग युद्ध के रक्तपात ने सम्राट अशोक का हृदय परिवर्तन कर दिया। उन्होंने अस्त्र शस्त्र त्याग कर बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया कि कभी हिंसा नहीं करेंगे।
बौद्ध धम्म के अनुयायी ··· बौद्ध धम्म के अनुयायी होने के उपरांत भारत के अलावा पश्चिम एशिया, मिश्र, यूनान, श्रीलंका, अफगानिस्तान में अपने दूत से बौद्ध धम्म का प्रचार प्रसार कराया। उन्होंने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को बौद्ध धम्म प्रचार के लिए श्रीलंका भेजा। भारतीय उप महाद्वीप में अलग अलग स्थानों शिलालेखों और स्तूपों का निर्माण कराया। उन्होंने अपने शासन काल में चट्टानों और पत्थरों के स्तंभों पर कई नैतिक, धार्मिक और राजकीय शिक्षाप्रद शिलालेख खुदवाया। सम्राट अशोक के शासनकाल में तक्षशिला, कंधार, विक्रमशिला, नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना किया। उनके शासन काल में पशुओं का औषधालय खोला गया। उन्होंने 84000 बौद्ध विहार (स्तूप) बनवाया। जिनमें आज भी कुछ का अवशेष व भग्नावशेष है।
परिनिर्वाण····
सम्राट अशोक ने लगभग 36 वर्ष भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन किया, उनका परिनिर्वाण (मृत्यु) ईसा पूर्व 232 में हुआ। उनके शासन काल के 5 दशक बाद मौर्यवंश के सभी उत्तराधिकारी शासन संचालन में अयोग्य सिद्ध हुए। इस प्रकार महान शासक का साम्राज्य छिन्न भिन्न हो गया।