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बेतिया: बिहार की जनता ने मंदिर , मस्जिद, धर्म, और जाति के नाम पर अपना वोट देती रही है। किसी मतदाता ने अपने बच्चों की पढ़ाई और उसके रोजगार के नाम पर वोट नहीं दिया है। यदि आप अपना वोट मोदी, नीतीश, लालू, राहुल और प्रशांत को न देकर जनसुराज को जीताते हैं तो निश्चित रुप से आपके बच्चों की पढ़ाई भी होगी और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। उपर्युक्त विचार जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को साहू जैन स्टेडियम लौरिया में एक महती जनसभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया।

श्री किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि आपने तो अपना वोट 5 किलो अनाज, मंदिर, बिजली के नाम पर देकर मोदी और नीतीश को गद्दी सौंपी, लेकिन कभी आपने इससे ऊपर उठकर कभी पढ़ाई और रोजगार के नाम पर वोट तो नहीं किया तो फिर आप और आपके बच्चे बाहर रोजगार के लिए तो जाएंगे ही।
प्रशांत किशोर ने मंच से घोषणा किया कि यह सभी विपक्षी पार्टियों के लिए अंतिम दीपावली और छठ है। बिहार से उन सबकी विदाई निश्चित है। जनसुराज की सरकार बनते ही सबसे पहले वृद्धपेंशन 2 हजार रुपया और सभी किसानों को उनके अपने खेतों में काम करने पर उन्हें मनरेगा से उन्हें पैसा दिया जाएगा। यह भी एक रोजगार का तोहफा है। उन्होंने सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि अब गरीबों के बच्चें भी प्राइवेट स्कूल में अंग्रेजी मीडियम में पढ़ने जाएंगे, उसका सारा खर्च सरकार उठाएगी।
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश चाचा भरोसे वाले व्यक्ति नहीं हैं। वे कुर्सी पाने के लिए कभी कमल पर तो कभी लालटेन पर बैठ जाते हैं। अन्य वक्ताओं में एमएलसी अफाक अहमद, पूर्व मंत्री पूर्णमासी राम, पूर्व एमएलसी चंद्रबली यादव, पूर्व आईएस एन के मंडल, पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा, सचींद्र पाण्डेय उर्फ गुड्डू पांडेय, शमशाद अली, राजू पाण्डेय मुख्य हैं।

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