मय भारत के वासी अँव रे मय भारत के वासी अँव।
धरती दाई के सेवा बजइया वफादार चपरासी अँव।।
ना मय छत्तीसगढिया आवंव, ना मय हर गुजराती अँव, ना मय आवंव उडिया बिहारी ना मय हर मदरासी अँव, भारत भुइयाँ के लाल आवंव मय सोन चिरइयाँ के पंाखी अँव।
मय भारत के वासी अँव रे, मय भारत के वासी अँव।।
सीमा मा नित डटे रहइया सैनिक मय शेर, हाथी अँव दुश्मन ला रौंदे बर मय हर एक अकेला काफी हँव, नजर रखइया चारो मुडा के भारत के मंय आँखी अँव।
मय भारत के वासी अँव रे मय भारत के वासी अँव।।
भारत भुइयाँ मा अन्न उपजइया, नँगरिहा मय देहाती अँव जर जरके जग ला अँजोरइया, दीया के मय हर बाती अँव
मय भारत के वासी अँव रे मय भारत के वासी अँव।।