Wed. Feb 5th, 2025

जैसे सोना अग्नि में तपकर ही शुद्ध बनता है। वैसे ही सफलता का मार्ग भी मुश्किलो से होकर गुजरता है। मुश्किलों से नही भागो अपितु मुश्किलो को साथी मान आगे बढो। उपलब्धियों को यदि सहज प्राप्त किया जाए तो हर कोई प्राप्त कर सकता है लेकिन बिना मूल्य चुकाये कुछ भी प्राप्त नही होता। मुश्किलो रुपी मूल्य ही सफलता की मंजिल तक ले जाता है।
किसी से आशा मत रखो
अपने आत्म विश्वास को जाग्रत करके आगे बढ़ो स्वयं की जाग्रती से चलने वाला कभी रुक नहीं सकता। जो गतिशील रहता है। वही आगे बढता है। नदी बहती है। तो आगे बढती है। रुकती है तो सड़ती है। प्रतिपल परिवर्तन ही प्रगति है। इसलिए आत्म विश्वास के साथ आगे बढ़ो
स्वयं से ज्यादा किसी पर विश्वास मत करो
कई बार वि श्वास टूटने पर हम उठने के योग्य नही होते। जो अपने आत्मविश्वास के साथ कदम बढाता है वह गिरकर भी सम्भलने की क्षमता रखता है। जो दूसरो पर निर्भर होकर चलता है वह कभी गिर सकता है, टूटकर बिखर सकता है। जो परिरिस्थतियो को खेल समझकर खेलते हैं वे अवश्य ही विजयी बनते है। जीवन के खेल में हर चुनौति को स्वीकार करो उमंग उत्साह से खेलो।

 

Spread the love

Leave a Reply