आंतरिक खूबसूरती ही बाहरी सुंदरता उपलब्ध कराती है। वर्तमान समय युवा पीढी आकर्षक बने रहने के लिए आर्टिफिशल काँस्मेटिक का अधिक उपयोग कर रही है लेकिन यह असली खूबसूरती नही हैं। दूसरो के लिए सदा दया की भावना रखने से हम अधिक युवा और आकर्षक बने रहेंगे ब्रेन भी सदा एक्टिव रहेगा आंतरिक खूबसूरती ही बाहरी सुन्दरता उपलब्ध कराती हैं और यही सुखी जीवन जीने का भी सबसे शक्तिशाली उपकरण हैं। दूसरो से सदा सहानुभूति रखेंगे तो उदासीनता या नापसंद को भुलाकर आगे बढ़ने के बारे में सोचेंगे। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से दयालुता का भाव बढ़ाने के लिए मैडिटेशन का अभ्यास जरुरी है। मैडिटेशन से दया की भावनाएं चारो तरफ फैलती है।