शांति शक्ति अपना स्वभाव हैं ज्ञान प्यार से मै लबरेज। खुशी और आन्द ह्दय में, शिव बाबा ने रखा सहेज।। मै पवित्र आत्मा हूँ मुझको कलुषित भला करेगा कौन? वाचालता न मुझको भाती, मुझे सुहाता रहता मौन।। रहकर मौन किया करता हूँ अपने शिव बाबा का ध्यान। वे ही परमपिता हम सबके, इससे बडा न कोई ज्ञान।। आओ पान करे ज्ञानामृत सुने सवेरे मुरली रोज। साधक बनकर करे साधना, आएगा आनन पर ओज।।