Sat. Dec 21st, 2024

शांति शक्ति अपना स्वभाव हैं ज्ञान प्यार से मै लबरेज। खुशी और आन्द ह्दय में, शिव बाबा ने रखा सहेज।। मै पवित्र आत्मा हूँ मुझको कलुषित भला करेगा कौन? वाचालता न मुझको भाती, मुझे सुहाता रहता मौन।। रहकर मौन किया करता हूँ अपने शिव बाबा का ध्यान। वे ही परमपिता हम सबके, इससे बडा न कोई ज्ञान।। आओ पान करे ज्ञानामृत सुने सवेरे मुरली रोज। साधक बनकर करे साधना, आएगा आनन पर ओज।।

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