Sun. Dec 22nd, 2024

भारत में तो विशेष प्रथा है कि जब कोई त्यौहार या कथा का आयोजन होता है तो मीठा प्रसाद बनाया जाता है। मीठा ही ज्यादा खाते और खिलाते है। प्रसाद से मुख मीठा थोडे समय के लिए होता है लेकिन अगर हम खुद ही मीठे बन जाएँ तो सदा मिठास का अनुभव करते रहेंगे। जैसे मीठा खाने और खिलाने से खुशी होती है। ऐसे ही मधुर बोल खुद को भी खुश करते है। और दुसरो को भी खुश करते है। यही हैं सबसे मीठा प्रसाद। कई बार देखने में आता हैं कि किसी व्यक्ति को यदि हम दो घडी के लिए मधुर दृष्टि दे दे मधुर बोल बोल दे तो उसकी सृष्टि बदल जाती हैं। मधुरता एक ऐसी विशेष धारणा है। जो कड़वी बात को भी मधुर बना देती है। भगवान ने भी हम आत्माओ को मीठे शब्द बोल कर बदल डाला। बहुत प्यार से कहा मीठे बच्चे तुम शुद्ध आत्मा हो। इस बोल ने हमारा जीवन बदल दिया। हम भी ऐसे ही मीठे बोल द्वारा औरो का जीवन बदल सकते है।

Spread the love

Leave a Reply