Sun. Dec 22nd, 2024

भगवान कहते हैं कि मेरे पास सभी बच्चो के कर्मो के जमाखाते की भंडारिया हैं। जैसे छोटे बच्चे अपनी बचत की भंडारी रखते हैं, ऐसे भगवान ने भी अपने सारे बच्चो की मनसा वाचा कर्मणा इन तीनो शक्तियो की बचत की भंडारियाँ रखी हुई हैं। इन भंडारियो में कौन कितना जमा करता हैं वह सारा हिसाब किताब भगवान के पास हैं। एक बार जब भगवान ने उन भंडारियो को खोला तो देखा कि भंडारियाँ भरी हुई तो बहुत थी लेकिन जैसे छोटे बच्चे भंडारी में चिल्लर जमा करते हैं, भंडारी भारी हो जाती हैं तो भंड़ारियो मे भी चिल्लर की तरह से बाते भरी हुई थी । भगवान कहते हैं, जैसे गवर्नमेंट भिन्न भिन्न विधि से बचत की स्कीम बनाती हैं ऐसे ही आप भी अपनी वाणी की बचत की स्कीम बनाओ। भगवान कहते हैं, बोल में नम्रता हमारा श्रृंगार है। मन वाणी में बोल में संबंध सपर्क में नम्रता हो। ऐसे नही तीन बातो मे तो नम्र हूं लेकिन एक में कम हूँ तो क्या हुआ? एक में भी कमी पास विद ओनर होने नही देगी। नम्रता ही महानता है। यह झुकना नही लेकिन झुकाना है। कई बच्चे हँसी में कह देते है कि क्या मुझे झुकना है। यह भी तो झुके लेकिन यह झुकना नही है वास्तव में परमात्मा का भी अपने ऊपर झुकना है आत्मा की तो बात छोडो। नम्रता ही हर एक के दिल में हमारे लिए प्यार का स्थान बना देती है।

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