मोतिहारी। बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण पुनः बहाल करने को लेकर 31 जुलाई 2024 को जिला मुख्यालय पर लोकतांत्रिक ढंग से ‘बहुजन अधिकार मार्च’ निकाले जाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। उपर्युक्त निर्णय शनिवार को अंबेडकर भवन परिसर में एससी/एसटी/बीसी/ओबीसी/माइनोरिटी संगठनों के प्रतिनिधियों की एक महती बैठक में लिया गया। बैठक को सम्बोधित करते हुए सांगठनिक प्रतिनिधियों ने बिहार सरकार द्वारा एससी/एसटी /ओबीसी/माइनोरिटी के लिए सरकारी सेवाओं व संस्थाओं में 65 आरक्षण लागू करने की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार का उपर्युक्त कदम समाज के हाशिए पर के लोग समाज को मुख्य धारा से जोड़ने में काफी सहायक सिद्ध होगा। वक्ताओं ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि आरक्षण विरोधी तत्वों ने एक सुनियोजित षडयंत्र अंतर्गत उच्च न्यायालय से 65 प्रतिशत आरक्षण को निरस्त करवा दिया है, जो वैधानिक नही है। 10 – 15 प्रतिशत की आबादी वालो ने 10 प्रतिशत आर्थिक कमजोरी के बहाने आरक्षण लिया और सामाजिक रुप से कमजोर वर्ग के आरक्षण पर रोक लगा दिया। इस प्रकार आरक्षण विरोधियों ने राज्य के 85 प्रतिशत आबादी की हकमारी किया है। बैठक में शामिल लोगों ने 65% आरक्षण को बहुजनहित में पुनःबहाल करने की मांग किया है। अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन की धमकी दी है। बैठक की अध्यक्षता रामप्रीत राम पूर्व शाखा प्रबंधक ने किया तथा संचालन सामाजिक कार्यकर्ता पारसनाथ अम्बेडकर ने किया। बैठक को मुख्यतः मानवाधिकार एक्टिविस्ट विद्यानंद राम, लबकिशोर निषाद, हरेराम महतो, इद्रीश मियां, ठाकुर प्रसाद कुशवाहा, अधिवक्ता दिनेश प्रसाद यादव, किरण राम, सजावल राम पूर्व मुखिया, चंद्रदीप पासवान, मनीष गुप्ता, विक्रम कुमार, मोहन राम, मनोज राम, नीतीश कुमार, विशाल कुमार, दिनेश राम, सुरेंद्र बैठा ने सम्बोधित किया।