करले शिव का ध्यान, सदा सुख पायेगा।
समय बड़ा अनमोल, नहीं फिर आएगा।।
सतयुग त्रेता द्वापर से तू आए पडा कलयुग मे।
खो दई सारी पुण्य की पूंजी, लाया था जो संग में।।
सत्संग बड़ा है। प्यारे, शिव भोलेनाथ पुकारे।
भीतर के खोल किवारे, कुछ पल्ले पडे तुम्हारे।।
देहभान के छोड़ो धंधे, क्यों बने नैनसुख अंधे।
स्मृति रख चलते फिरते, तो कटे गले के फंदे।।
तू रोता क्यों जंगल में,शिव आए तेरे जीवन मे।
साधारण मानव तन में , मुरली सुन मन मधुबन में।।
करले शिव का ध्यान, सदा सुख पायेगा।
समय बड़ा अनमोल, नहीं फिर आएगा।।