Sun. Sep 8th, 2024

 


पटना: विभिन्न फसलों के सुधार एवं विकास के लिए चल रहे राज्य समन्वित किस्म परीक्षण (एस वी टी) (खरीफ) कार्यकर्म की संयुक्त समीक्षा बैठक  शनिवार को बीएयू सबौर के मिनी सभागार मे हाइब्रिड (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन) माध्यम द्वारा डॉ. अनिल कुमार सिंह, अनुसंधान निदेशक, बीएयू सबौर की अध्यक्षता मे एवं डॉ. ए. के. सिंह, अनुसंधान निदेशक, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविध्यालय, पूसा (समस्तीपुर) और अन्य गणमान्य पदाधिकारियों की गरिमामई उपस्थिति मे आयोजित की गयी। बैठक मे खरीफ फसलों- धान, खरीफ मक्का एवं अरहर- मे चल रहे राज्य समन्वित किस्म परीक्षण (एसवीटी) कार्यकर्मों पर विस्तृत चर्चा हुई। जिसमे इन फसलों पर खरीफ 2023 मे राज्य के विभिन्न कृषि-जलवायु भोगोलिक क्षेत्रों मे किए गए परीक्षणों के परिणामों पर चर्चा के साथ-साथ खरीफ 2024 मे आयोजित होने वाले परीक्षणों का तकनीकी कार्यक्रम भी तय किया गया। अनुसंधान निदेशक, बीएयू सबौर, डॉ. अनिल कुमार सिंह ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन मे राज्य समन्वित किस्म परीक्षण की महत्ता पर ज़ोर देते हुए बताया की खरीफ एवं रबी मिलाकर कुल नौ महत्वपूर्ण फसलों मे यह कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं तथा नयी फसलों को इस कार्यक्रम मे शामिल करने के लिए सरकार से दरख्वार्स्त की जाएगी। उन्होने आगे कहा कि डॉ. डी. आर. सिंह, माननीय कुलपति, बीएयू सबौर की यह सोच है कि राज्य के किसानों के लिए सर्वश्रेष्ट किसमे ईजाद की जाएँ। जिससे किसानों की आय बढ़े एवं राज्य की कृषि अर्थवयवस्था का सुदृढीकरण किया जा सके। यह कार्यक्रम राज्य के किसानों के लिए है, क्योंकि इसके माध्यम से विभिन्न फसलों के नए एवं राज्य के लिए अनुकूल उन्नतशील प्रभेदों को विकसित करने मे मदद मिलती है। बैठक मे धान, खरीफ मक्का एवं अरहर के अच्छे अनुवंशिक लाइनों की पहचान की गयी, जो आने वाले समय मे उन्नत प्रभेदों के रूप मे किसानों के खेत मे लहलहाते नज़र आएंगे। डॉ. ए. के. सिंह, अनुसंधान निदेशक, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविध्यालय, पूसा (समस्तीपुर) ने अपने सम्बोधन मे राज्य के किसानों की अपेक्षाओं पर खरे उतरने की बात कही। जिसमे राज्य समन्वित किस्म परीक्षण कार्यक्रम की महती भूमिका है। बैठक का संचालन डॉ. शैलबाला डे, उपनिदेशक अनुसंधान, बीएयू सबौर द्वारा किया गया। बैठक मे बीएयू सबौर की तरफ से डॉ. पी. के. सिंह, अध्यक्ष, पौधा प्रजनन विभाग ने भाग लिए और महत्वपूर्ण सुझाव दिये। इसके अलावा आईसीएआर के पूर्वी रिसर्च कॉम्प्लेक्स से धान वैज्ञानिक डॉ. संतोष कुमार, आईआईएमआर लुधियाना से मक्का वैज्ञानिक डॉ. श्याम बीर सिंह, बीएयू सबौर एवं डीआरपीसीएयू, पूसा के विभिन्न फसलों के समन्वयक एवं अन्य संबन्धित वैज्ञानिक शामिल हुए।

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By Awadhesh Sharma

न्यूज एन व्यूज फॉर नेशन

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