बिहार में शराबबंदी ढोंग, पीड़ित परिवारों को दिया जाए 5- 5 लाख का मुआवजा : अनील कुमार चौधरी
अनमोल कुमार
पटना: बिहार सरकार ने 2016 में पूर्ण शराब बंदी कानून लागू किया। भारत सरकार ने नोटबंदी लागू किया। विडंबना यह है कि पूर्ण शराबबंदी और नोटबंदी एक ही वर्ष 2016 में लागू किया गया। नोटबंदी में सरकार ने कदम उठाया वह पूरी तरह से आमजन और सरकार दोनो के लिए गैर लाभकारी साबित हुआ। बक्सर जिला के मनकी गांव में हुई घटना पूरी तरह से जहरीली शराब के सेवन का परिणाम है। सरकार और प्रशासन पूरे प्रकरण को दबाना चाहते है। प्रबुद्धजनों में चर्चा ए आम है कि बिहार में शराब बिक्री एक संगठित व्यापार का रूप ले चुका हैं। जिसमें शासन और प्रशासन की लिप्तता से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता हैं। सरकार की मिलीभगत का खामियाजा आम जन मानस और युवा पीढ़ी को भुगतना पड़ रहा है। उपर्युक्त विचार बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनील कुमार ने बसपा के बक्सर कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शासन पूरी तरह से प्रशासन के नियंत्रण में है। जिससे देश और प्रदेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं पीड़ित परिवारों से मिल चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सभी मौतें जहरीली शराब पीने से हुई है, बावजूद इसके प्रशासन मृतकों के शव का पोस्टमार्टम कराने की जहमत नहीं उठा रहा है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम कराने की जिम्मेदारी प्रशासन की है और पोस्टमार्टम इसलिए नहीं कराया गया कि सच उजागर नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि आखिर बक्सर की जनता को तड़पते हुए कब तक देखेंगे और कैसे देख सकते है…? उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा कि क्या बक्सर प्रशासन आपके गिरफ्त में है…. या प्रशासन की गिरफ्त में शासन है.….? वो जो चाहेंगे वही फैसला करेंगे? उन्होंने कहा कि बिहार के लोग अपने युवा भाइयों को कब तक खोते रहेंगे? एक गलत शराब बंदी नीति के वजह से बिहार के लोग मर रहे हैं और सरकार कह रही है कि शराब से मौतें नही हो रही है।
अनील कुमार ने कहा कि इसमें सरकार की मिलीभगत है और सरकार से सांठ – गांठ कर एक भी व्यक्ति के शव को पोस्टमार्टम नहीं कराने दिया गया। शराब से हुई मौत मामला में आखिर मृतकों के शव का बिना पोस्टमॉर्टम दाह (अंतिम) संस्कार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी मिलीभगत है क्योंकि प्रशासन हीं नही पूरी सरकार इस शराब प्रकरण में नंगी हो जायेगी। इस सरकार में बैठे कौन लोग है जो शराब बिकवाने का काम करते है और बिकवाकर जनता की बर्बाद करने का काम करते हैं। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवारों को 5- 5 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश महासचिव संजय मंडल, अभिमन्यु सिंह कुशवाहा, जिला अध्यक्ष सुभाष गौतम उपस्थित रहे।