इंसानो के तरह बेजुबान जानवर अपनी तकलीफ किसी को बता नही सकते और भागते दौडते बडो के पास जाते है परनतु बड़ो के पास मदद करने के लिए वक्त नही है। लेकिन बैग के बोझ से दबे बच्चो के पास आज भी मदद के लिए वक्त है। और संवेदना कायम है। इसके नजर में पालतू जानवरों के बीमार होने या सडक पर दुर्घटना होने पर देखने के लिए मिलते है। सेक्टर 7 गैराज रोड में एक तडपती गाय को बचाने स्कूल के बच्चों की सेवाभावी कवायद बडो के लिए सबक बने रहे। बीएसपी गैराज के आगे एक गाय कुछ अन्य खा लेने पर उसका पेट फूलने के कारण तड़प रही थी।