एक बार एक परिवार में एक कन्या ने अपनी मर्जी से शादी कर ली उसके पिता और भाई को बहुत नाराजगी हुई और कन्या को कह दिया हम जीवन भर तूम्हारा मुख नही देखेंगें तुमने तो हमारी नाक कटा दी उन्हीं दिनों उस कन्या की माता ने अपनी एक सखी को अपने घर आने का निमन्त्रण दिया। वह घर पहुँची तो देखा कन्या के पिता और भाई घर की बैठक में टी वी के सामने बैठे है।। उसे भी वही बिठा दिया गया। टी वी पर एक धारावाहिक चल रहा था। जिसमें एक अभिनेत्री के बारे में चर्चा थी कि इसने 3 शादियाँ की तोड़ दी और अब अफवाह है। कि यह चौथी बार सम्बन्ध जोडने जा रही है। वह भी किसी विदेशी से माता की सखी नें धीरे से पूछ लिया भाई साहब घर की कन्या नें अपनी मर्जी सें शादी की तो आप उसकी शक्ल नही देखना चाहते परन्तु यह जो पर्दे पर खडी है। 3 तोडकर चौथी की तैयारी में है। इसकी शक्ल और डायलाँग तो आप समय निकालकर रुचि के साथ देख और सुन रहे है? क्या यह आपकी कन्या से ज्यादा उजली है। ज्यादा धवल है। ज्यादा शुचिता वाली है। फिर सखी नें आगे कहा मेरे कहने का मतलब यह नही है। कि बच्चो को मनमानी करने देनी चाहिए परन्तु जिन चीजो को हम देखेंगे हमारे बच्चे तो यही सोचेंगे कि ये सब अच्छी ही होगी। जैसा चित्र वैसा चरित्र बनेगा ही ।